बुडापेस्ट: हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबन ने जॉर्ज सोरोस पर संगीन इल्जाम लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि, सोरोस यूरोप को मुसलमान शरणार्थियों से भरने की साजिश पर काम कर रहे है। प्रधानमंत्री ओरबन ने दावा किया है कि सोरोस ने अपनी योजना को कामयाब करने के लिए यूरोपियन यूनियन (EU) के कई सांसदों को खरीद लिया है ताकि वे शरणार्थी मुस्लिम और अन्य घुसपैठियों के पक्ष में कानून पारित करवा सकें। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हंगरी के पीएम विक्टर ओरबन ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “जॉर्ज सोरोस यूरोप को मुस्लिम शरणार्थियों से भर देना चाहते हैं। उन्होंने यूरोपियन यूनियन के कई सांसदों को पैसे देकर अपने साथ मिला लिया है। इस प्रकार, वे यूरोपियन यूनियन में कानून पारित करवा रहे हैं, जो मुसलमानों और घुसपैठियों के पक्ष में हैं।” ओरबन ने विशेष रूप से ग्रीस, हंगरी और ऑस्ट्रिया जैसे देशों का नाम लिया, जहां पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय को बसाने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक सोची-समझी साजिश है, जो यूरोप की सामाजिक संरचना को बदलने के लिए तैयार की गई है। प्रधानमंत्री ओरबन ने दावा किया कि सोरोस के प्रभाव में यूरोपियन यूनियन ने कई ऐसे कानून पारित किए हैं, जो मुस्लिम शरणार्थियों का पक्ष लेते हैं। इन्ही कानूनों के तहत मुसलमानों को यूरोप के देशों में बसाने का प्लान चल रहा है। बता दें कि, इन सबको देखते हुए हंगरी ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है और अपनी आव्रजन नीति को और सख्त कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि, “हम हंगरी को सुरक्षित रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं। हम अपनी संप्रभुता और संस्कृति की रक्षा करेंगे।” बता दें कि विक्टर ओरबन के ये आरोप जॉर्ज सोरोस पर एक खुलासा करते हैं और इसने यूरोप में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। सोरोस के समर्थकों का कहना है कि यह उनके खिलाफ महज एक साजिश है, जबकि विरोधियों का मानना है कि इसमें कुछ सच्चाई हो सकती है। यूरोपियन यूनियन ने अभी तक इन आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया है। बता दें कि, भारत में भी जॉर्ज सोरोस अपने मोदी विरोधी रुख के लिए मशहूर हैं, वहीं उनपर कांग्रेस का समर्थन करने के आरोप लगते हैं, जो मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली पार्टी का लेबल रखती है। सोरोस पीएम मोदी पर हिन्दू राष्ट्रवादी होने का आरोप लगाते हैं और राष्ट्रवादियों से लड़ने के लिए अरबों डॉलर देने की बात करते हैं। 2020 में विश्व आर्थिक मंच पर सोरोस ने कहा था कि, "राष्ट्रवाद कम होने के बजाय और आगे बढ़ गया है। सबसे बड़ा और सबसे भयावह झटका भारत में लगा, जहां लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नरेंद्र मोदी एक हिंदू राष्ट्रवादी राज्य बनाने में लगे हुए हैं, कश्मीर, एक अर्ध-स्वायत्त मुस्लिम इलाके पर दंडात्मक उपाय लागू किए जा रहे हैं और लाखों मुस्लिमों को उनकी नागरिकता से वंचित करने की धमकी दे रहे हैं।" यहाँ सोरोस CAA-NRC के बारे में बात कर रहे थे। ऐसे में ये तो स्पष्ट हो जाता है कि, सोरोस मुस्लिम समुदाय के लिए काम करते हैं, और इसकी पूरी संभावना है कि, भारत में ऐसे लोगों को मदद दे सकते हैं, जिनके विचार उनसे मेल खाते हों। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी जॉर्ज सोरोस से जुड़े लोगों के साथ देखे जा चुके हैं। गत वर्ष अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल गांधी, सुनीता विश्वनाथ के साथ चर्चा करते देखे गए थे। सुनीता, अमेरिका स्थित “हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स” नामक संगठन की सह-संस्थापक हैं, जो मुख्य रूप से हिंदुओं के खिलाफ झूठ और दुष्प्रचार फैलाता है, इसका इस्लामवादियों और जॉर्ज सोरोस से करीबी संबंध हैं। 'बस से उतरते ही दौड़ी बच्ची…', जमीन पर गिरी और हो गई दर्दनाक मौत ममता बनर्जी पर बंगाल की जनता का भरोसा बरक़रार, उपचुनावों में चारों सीटों पर TMC ने दर्ज की जीत 'केजरीवाल की जिंदगी से खेल रही भाजपा, उनका वजन 8 किलो घटा..', संजय सिंह ने लगाए संगीन आरोप