नई दिल्ली: जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज गुरुवार को तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। वे रात 10:55 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे और शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके बाद, वे 7वें अंतर सरकारी परामर्श (IGC) में हिस्सा लेंगे। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत के बड़े बाजार में जर्मनी की पकड़ बढ़ाना और चीन पर निर्भरता को कम करना है। जर्मनी मैन्यूफैक्चरिंग में वृद्धि की उम्मीद कर रहा है, जिससे वह चीन पर अपनी निर्भरता घटा सके। इसके लिए बड़ी संख्या में जर्मन कंपनियां भारत की ओर आकर्षित हो रही हैं, और अगले 6 साल में 4.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश भी संभावित बताया जा रहा है। चांसलर स्कोल्ज का यह दौरा जर्मनी की निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था के मंदी के दौर से गुजरने के समय हो रहा है। इसके साथ ही, यूरोपीय संघ और चीन के बीच व्यापार विवाद भी चिंता का विषय हैं। पहले यूक्रेन युद्ध के कारण भी जर्मनी को बड़ा नुकसान हुआ था, जिसके चलते उसने डि-रिस्किंग की नीति अपनाई है। स्कोल्ज का दौरा 24 से 26 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें वे विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। 25 अक्टूबर को IGC के तहत दोनों देशों के मंत्री अपने-अपने विभागों के कार्यों पर विचार करेंगे और समझौतों का आदान-प्रदान भी होगा। चांसलर स्कोल्ज के गोवा दौरे के दौरान जर्मन नौसैनिक युद्धपोत भी वहां पहुंचेंगे। भारत और जर्मनी के बीच 2000 से रणनीतिक साझेदारी है, जो हाल के वर्षों में कई क्षेत्रों में और गहरी हुई है। दोनों देश इस वर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न भी मना रहे हैं। स्कोल्ज ने पिछले वर्ष भी भारत का दौरा किया था, जिसमें उन्होंने द्विपक्षीय वार्ता में भाग लिया और जी20 शिखर सम्मेलन में भी शामिल हुए। कुछ ही घंटों में ओडिशा से टकराएगा 'दाना' चक्रवात, मौसम विभाग ने किया अलर्ट वक्फ को बचाने के लिए 'हत्या' करेंगे TMC सांसद? कांच की बोतल से किया हमला यूपी की 7 सीटों पर भाजपा ने घोषित किए उम्मीदवार, इन चेहरों पर खेला दांव