बर्लिन: जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पान ने कहा है कि वे लैंगिक-रुझान बदलने का दावा करने वाले उपचार पर पाबन्दी लगाने की मांग करेंगे. स्पान ने कहा है कि, ''समलैंगिकता कोई बीमारी नहीं है, इसलिए इसके उपचार की कोई आवश्यकता नहीं है.'' दरअसल, जेन्स स्पान स्वयं एक समलैंगिक हैं. स्पान ने वाम झुकाव वाले अखबार 'डाई ताजेसजेईतुंग' से कहा है कि वे आशा करते हैं कि वर्ष के मध्य तक इस तरह के इलाजों पर पाबन्दी लगाने वाले जर्मन कानून को अपना लिया जाएगा. ट्रंप ने अमेरिका में लगाईं इमरजेंसी, ये है वजह लैंगिक-रुझान को बदलने का उपचार अमेरिका में जड़े जमा रहा है और इसका इस्तेमाल समलैंगिक या ट्रांसजेंडर किशोरों के माता-पिता उनकी इच्छा के विरुद्ध कर रहे हैं. कुछ तकनीकों में 'टेस्टोस्टेरोन' की बड़ी मात्रा के इंजेक्शन भी शामिल हैं, जबकि अन्य लोगों को बिजली के झटके दिए जाते हैं. चीन ने जताया पुलवामा घटना पर दुख, बांग्लादेश ने भी व्यक्त की संवेदना स्पान ने कहा, ''मैं इन इलाजों में यकीन नहीं करता, मुख्य रूप से अपनी समलैंगिकता की वजह से.'' उल्लेखनीय है कि स्पान चांसलर एंजेला मर्केल के रूढ़िवादी सीडीयू पार्टी के दक्षिणपंथी का प्रतिनिधित्व भी करते हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अगर इसके लिए वोटिंग हुई तो अपने सहयोगियों से समर्थन मिलने की आशा कर रहे हैं. आपको बता दें कि भारत ने भी समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से मुक्त कर दिया है, ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है. खबरें और भी:- पाकिस्तान से MFN दर्जा वापिस लेने के फैसले पर WTO को सूचित करेगा भारत अब भी हिन्दुस्तान का दर्द नहीं समझ रहा चीन, अजहर पर पाबंदी की मांग ठुकरा कर अलापा पाक राग प्यार के महीने में अब यह टीवी एक्ट्रेस भी बनी दुल्हन, लिए सात फेरे