बर्लिन: दुनियाभर में लॉकडाउन को हथियार बनाकर लेकर कोरोना वायरस से जंग चल रही है, क्योंकि जब तक वायरस की दवा नहीं मिलती तब तक लॉकडाउन को ही सबसे असरदार तरीका माना जा रहा है. किन्तु जर्मनी में रहने वाले लोगों को इससे ऐतराज है. मध्य बर्लिन में सैकड़ों लोग कोरोना वायरस लॉकडाउन के खिलाफ सड़कों पर आ गए. प्रदर्शनकारी चिल्ला रहे थे 'मुझे मेरी जिंदगी वापस चाहिए' और उन्होंने हाथों में 'संवैधानिक अधिकारों को बचाओ', 'आजादी सब कुछ नहीं है, लेकिन बिना आजादी के कुछ भी नहीं' जैसे नारों के बोर्ड मौजूद थे. पुलिस ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने 100 से अधिक लोगों को अरेस्ट किया है. कुछ प्रदर्शनकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा था. वो एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने का प्रयास कर रहे थे, जमीन पर बैठे थे और मास्क पहने हुए थे. किन्तु बाकी लोगों ने इस बात का कोई ध्यान नहीं रखा था. पूरी दुनिया के दर्जनों देशों की तरह, कोरोना के फैलने की गति को धीमा करने के लिए जर्मनी ने भी लोगों की गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लगाते हुए 17 मार्च से लॉकडाउन किया हुआ है. प्रदर्शनकारियों ने 'लोकतांत्रिक प्रतिरोध' नाम के पर्चे भी बांटे, जिसमें कहा गया था कि नया कोरोना वायरस खौफ को फैलाकर ताकत को खत्म करने का प्रयास है. पर्चों में दुनिया भर के 127 डॉक्टरों की वो बातें भी लिखी हुई हैं जिनमें उन्होंने सख्त लॉकडाउन की जरुरत पर सवाल उठाए हैं. अगर कोरोना ने बदला स्वरूप तो, कैसे करेगी इंसानियत मुकाबला कोरोना वायरस के समाप्त होने के बाद ऐसा होगा नया भारत OMG! ठीक होने के बाद भी 21 दिनों तक आँखों में रह सकता है कोरोनावायरस