जर्मन सॉकर महासंघ (डीएफबी) ने कहा है कि वे जॉर्ज फ्लॉयड को मारने और नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सजा नहीं देगा. अमेरिका के मिनियापोलिस में एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने 25 मई को फ्लॉयड का हाथ बांधने के बाद अपने घुटने से कई मिनटों तक उसका गला दबाये रखा था जिसके उसकी मौत हो गई थी. इस घटना के खिलाफ जर्मनी में कई खिलाड़ियों ने इशारे किए या फिर अपने कपड़ों पर संदेश लिखे. महासंघ ने हालांकि बुधवार को कहा है कि वे किसी भी खिलाड़ी को सजा देने का विरोध करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उनके नस्लवाद विरोधी संदेश महासंघ के स्वयं के सिद्धांतों से मेल खाते हैं. महासंघ के अध्यक्ष फ्रिट्ज केलेर ने बयान में कहा, 'डीएफबी ने किसी भी तरह के नस्लवाद, भेदभाव या हिंसा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और सहिष्णुता, खुलापन और विविधता के साथ खड़ा रहा है, ये सिद्धांत डीएफबी के नियमों में भी शामिल हैं.' उन्होंने कहा, 'इसलिए खिलाड़ियों के कदम को हमारा सम्मान हासिल है.' इस बयान में चार खिलाड़ियों का नाम है जिन्होंने पिछले सप्ताहांत मैचों के दौरान नस्लवाद का विरोध किया था और फ्लॉयड को न्याय दिलाने का समर्थन किया था. ये खिलाड़ी अचरफ हकीमी, जेडन सेंचो, वेस्टन मैककीनी और मार्कस थुराम शामिल थे. साथ ही साफ किया गया कि भविष्य के विरोधों के प्रति भी यही रवैया रहेगा. जर्मनी के रुख को खेल की वैश्विक संस्था फीफा का भी समर्थन हासिल है जिसने मंगलवार को कहा था कि ऐसा विरोध सराहना का हकदार है, सजा का नहीं. तो इस कारण अपनी जान देना चाहते थे रॉबिन उथप्पा श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने कहा- कोई भी राष्ट्रीय खिलाड़ी आईसीसी जांच के दायरे में नहीं आत्महत्या करना चाहते थे रॉबिन उथप्पा, ये थी वजह