नई दिल्ली: जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रेंक वाल्टर स्टेनमायर कल से 25 मार्च तक भारत यात्रा पर है. वे आज अपनी पत्नी एल्क बुडनबर्ग के साथ दिल्ली की प्रसिद्ध जामा मस्जिद गए. अपने पांच दिवसीय भारत दौरे पर आए वाल्टर ने गुरुवार का दिन काशी में बिताया. आध्यात्मिक नगरी काशी में उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से मुलाकात करते हुआ पहला सवाल किया कि आखिर इतनी धार्मिक विविधता के बीच शांति और सौहार्द कैसे कायम रहता है, जबकि उनके अपने देश सहित दुनिया के विभिन्न राष्ट्र में ऐसी चुनौतियां रहती हैं. जर्मन राष्ट्रपति गुरुवार शाम करीब साढ़े चार बजे बीएचयू के केंद्रीय कार्यालय के समिति कक्ष में विद्यार्थियों के बीच थे. उनके पहले सवाल का जवाब दिया महिला महाविद्यालय से स्नातक कर रही छात्रा अमिषा पाठक ने-'भारत में बचपन से ही अनेकता में एकता की सीख दी जाती है.' प्रबंधन की पढ़ाई कर रही एक अन्य छात्रा शायंतिका ने जवाब दिया- 'हमारे यहां की सामाजिक शिक्षा सुदृढ़ है. इसकी वजह से सौहार्द कायम रहता है. ' फ्रेंक ने राजनीति विज्ञान की पढ़ाई करने वाले छात्र कुमार अभिषेक से पूछा कि आपके समाज में विभिन्न धर्म के लोग रहते हैं, कई बार हिंसा की भी नौबत आती होगी तो कैसे सामना करते हैं उस माहौल से. जवाब- 'ऐसा कोई भी माहौल भारत में सर्वत्र व्याप्त भाईचारे के आगे कमतर साबित होता है. सर्वधर्म सद्भाव की प्रवृत्ति हमारे देश में प्रबल है.' फ्रेंक ने एक और सवाल किया कि जब कभी भारत में बीफ या धार्मिक विवाद का मामला आता है तो हमारे यहां की मीडिया में भी वह खूब दिखाया जाता है, ऐसा क्यों होता है. इसका उत्तर था- 'यहां ऐसी घटनाएं बेहद कम होती हैं, बल्कि सकारात्मक संदेश वाली तमाम गतिविधियों से भारत भरापूरा है.' स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही नसरीन वारसी से पूछा गया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के नाम में हिंदू शब्द क्यों है, क्या यहां सिर्फ हिंदू पढ़ते हैं. नसरीन ने बताया- 'मैं मुस्लिम हूं और यहां की एक विद्यार्थी के रूप में आपके सामने हूं.' जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रेंक बनारस पहुंचने के साथ ही दोपहर में भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ गए. शाम को फ्रेंक अस्सी से दशाश्वमेध घाट तक नौका विहार के बाद भव्य गंगा आरती में शामिल हुए. जर्मनी के राष्ट्रपति भारत पहुंचे जर्मनी के राष्ट्रपति आज से 25 मार्च तक भारत यात्रा पर अब जर्मनी के राष्ट्रपति होंगे भारत के मेहमान चौथी बार जर्मनी की चांसलर बनी एंजेला मार्केल