वास्तुशास्त्र बौद्ध धर्म की देन है.जो मूलभूत भारतीय कला का आधार है.वायु और पानी पर आधारित इस वास्तुकला में वस्तुओ की सही जमावट पर ध्यान दिया जाता है. वास्तुदोष निवारण के लिये वास्तु के निम्न वस्तुओ का प्रयोग लाभदायक है. 1-ओफ़िस के दरवाजे में या घर में मधुर और कर्णप्रिय आवाजवाली घंटीया सकारात्मक ध्वनि उत्पन्न करती है जिसे शुभ माना जाता है. जब प्रवेशद्वार जरुरत से अधिक बडा हो तब नकारात्मक उर्जाओ का प्रवेश होने से वातावरण बिगड जाता है और वास्तुदोष उत्पन्न होता है. जिसके निवारण के लिए इस तरह की घंटियों का उपयोग किया जाता है. 2-त्रिशूल ॐ और स्वस्तिक,हिन्दू संस्तृति के यह तीन शुभ और प्रेरणादायी प्रतिक है.जो आत्मविश्वास और एकाग्रता को बढाने का काम करते है.सूर्य ऊर्जा के गोले के मध्यभाग में यह प्रतीक रखे जाते है. शिव और शक्ति की ऊर्जा स्रोत के उसमे दर्शन होते है.श्रद्धा और विश्वास के साथ दर्शन करने से व्यक्ति की प्रगति होती है.वास्तुदोष निवारण में इस का उपयोग करने से आसुरी शक्तिया दूर रहती है. नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है लकड़ी की बांसुरी बैडरूम में वास्तुदोष खड़ी कर सकता है है परेशानिया अनाज दूर करेगे नौकरी से जुडी समस्याए