हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। यह इस सिद्धांत पर आधारित है कि किसी घर का लेआउट और व्यवस्था उसके निवासियों की भलाई और समृद्धि पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। इस लेख में, हम वास्तु शास्त्र के कुछ प्रमुख सिद्धांतों के बारे में बताएंगे और उन्हें आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा और प्रचुरता को बढ़ाने के लिए कैसे लागू किया जा सकता है। वास्तु शास्त्र का एक मूल सिद्धांत आपके घर को डिजाइन करने में दिशा का महत्व है। मुख्य दिशाएँ - उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम - किसी स्थान के भीतर ऊर्जा के प्रवाह को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में तिजोरी को हमेशा दक्षिण या दक्षिण पश्चिम दिशा की ओर रखना चाहिए। तिजोरी को घर में दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर रखने से धन की वृद्धि होती है। घर में मां लक्ष्मी का आगमन हो इसके लिए आवश्यक है कि घर का माहौल सकारात्मक हो। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर के दरवाजे और खिड़कियों को साफ रखना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। साफ-सुथरा तथा व्यवस्थित घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए घर में भारी फर्नीचर या उपकरण रखने से बचें। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, पानी की टंकी को घर के दक्षिण, दक्षिण पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में रखें। इससे घर में धन का प्रवाह बढ़ता है। वास्तु शास्त्र में घर की दक्षिण-पूर्व दिशा का खास महत्व है। इसलिए इस दिशा में बनी दीवार पर पेंटिंग लगाने से बचें। इसके अतिरिक्त घर की पूर्व या उत्तर दिशा में डस्टबिन नहीं रखना चाहिए। इससे घर में निराशा फैलने लगती है। अनंत चतुर्दशी पर राशि अनुसार बांधें पवित्र डोरी, इन मंत्रों का करें जाप ईसाई धर्म में भी हैं कई सारे सम्प्रदाय, जानिए उनके बारे में अहम बातें ! इस्लाम में क्यों कहे जाते हैं 73 फिरके, क्या शिया,सुन्नी और सूफी इस्लाम ?