जम्मू: गुलाम नबी आजाद के विरुद्ध आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' द्वारा सोशल मीडिया पर धमकी भरी चिट्ठी सामने आने के पश्चात् आजाद ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में इसका उत्तर देते हुए कहा, ‘मेरा नाम आजाद हैं और मेरे विचार भी आजाद है।’ उन्होंने कहा कि कश्मीर आने से पहले वह NSA अजीत डोभाल एवं गृह मंत्री अमित शाह से नहीं मिले थे। दरअसल, धमकी भरे खत में बताया गया है कि आजाद की एंट्री जम्मू-कश्मीर में एक अचानक नहीं हुई है, बल्कि यह एक सुनियोजित समारोह का भाग है, यह योजना उनके पिछले दल में रहने के चलते बनी थी, घाटी में आने से पहले आजाद ने अमित शाह के साथ एक बैठक की तथा कुछ विश्वसनीय सूत्रों का यह भी कहना है कि NSA डोभाल को भी बैठक में बुलाया गया था। इन इल्जामों पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'मैंने अभी सुना है कि मेरे खिलाफ आतंकवादियों की तरफ से धमकी भरा खत आया है।‘ उन्होंने कहा, ‘कश्मीर आने से पहले मैं अमित शाह एवं डोभाल से नहीं मिला, मैं अपने जीवन में डोभाल से कभी नहीं मिला, मैं अल्लाह की कसम खाता हूं।’ बता दें आजाद अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर में हैं तथा जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में निरंतर रैली कर रहे हैं। गुलाम नबी आजाद ने दहशतगर्दो से हथियार छोड़ने एवं मुख्यधारा में सम्मिलित होने की अपील की। उन्होंने कहा कि बंदूकें किसी भी समस्या का समाधान नहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''जिन लोगों ने बंदूकें उठाई हैं, मैं उनसे अपील करता हूं कि बंदूकें समाधान नहीं विनाश ही लाती हैं। भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यह गांधी का राष्ट्र है। जो लोग पहाड़ों से अपना सिर फोड़ेंगे, वे सिर कुचल जाएगा तथा पहाड़ों को कुछ नहीं होगा।'' राजस्थान के मंत्री ने अपनी ही सरकार को घेरा, सीएम गहलोत के सामने गिनाई कमियां ओवैसी बोले- 'कांग्रेस के कारण PM बने मोदी, राहुल को अमेठी हराने मैं नहीं गया था' SCO समिट में किन मुद्दों पर चर्चा करेंगे पीएम मोदी, समरकंद रवानगी से पहले खुद दी जानकारी