गिलोय एक बेहतरीन और सबसे सस्ती आयुर्वेदिक औषधि है। जी हाँ और इसे गुडूची या अमृता का नाम भी दिया गया है। आपको बता दें कि आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज में गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है। जी दरअसल आज के समय में गिलोय का रस, और काढ़ा डेंगू, चिकनगुनिया, बुखार जैसी गंभीर बीमारियों में दिया जाने वाला है और इसी के साथ यह कई तरह के वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी बचाता है। केवल यही नहीं बल्कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी गिलोय का इस्तेमाल किया जा रहा है। आपको बता दें कि गिलोय का काढ़ा आपको रोज एक कप से ज्यादा नहीं पीना चाहिए क्योंकि एक कप से ज्यादा मात्रा में ये काढ़ा पीने से आपको नुकसान भी हो सकते हैं। इसी के साथ अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको डॉक्टर की परामर्श के बाद ही इसे पीना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाएं, नवजात बच्चों को काढ़ा देने से पहले भी चिकित्सक की सलाह लें। जी दरअसल यह काढ़ा पीने से लो ब्लड प्रेशर और ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा हो सकता है। वैसे आप गिलोय का काढ़ा घर पर भी बना सकते हैं क्योंकि यह आपको बड़े फायदे देने वाला है। सामग्री: 2 कप पानी, गिलोय की 2 छोटी शाखाएं, 2 दालचीनी स्टिक, 5 तुलसी के पत्ते, 8 पुदीने के पत्ते, 2 चम्मच शहद, आधा चम्मच हल्दी, 1 चम्मच काली मिर्च पाउडर 1अदरक का टुकड़ा विधि : इसके लिए एक पैन में 2 कप पानी को मध्यम आंच पर उबलने के लिए रख दें। अब इसमें गिलोय डालें। अब इसके बाद 2 दालचीनी स्टिक, 5 तुलसी के पत्ते, 8 पुदीने के पत्ते, आधा चम्मच हल्दी, 1 चम्मच काली मिर्च पाउडर और अदरक डालें। अब इस पानी को आधा होने तक उबलने दें। उसके बाद उबाल आने दें और उबाल आने के बाद इस काढ़े को ठंडा कर छान लें। अब 2 चम्मच शहद डालें और पी ले। Immunity बढ़ाता है काढ़ा लेकिन अधिक सेवन से होते हैं ये गंभीर नुकसान कोरोना काल में इन दो चीजों को पीकर बढ़ाए अपनी इम्युनिटी काढ़ा बनाते वक्त ये गलतियां करते हैं लोग, और बिगड़ जाती है तबियत