बीजेपी के दिग्गज नेता गिरिराज सिंह पाने मुखरता के लिए सुर्खियों में रहते है. मगर इस बार वे एक नए काम के कारण विवादों में है. गिरिराज दंगा फैलाने के कथित आरोपियों से जेल में मिलने पहुंच गए और इसके बाद उनके इस कृत्य की निंदा शुरू हो गई. दंगाइयों से मुलाकात के बाद जनता दल यूनाइडेट (JDU) ने उनकी निंदा की थी. आलोचनाओं पर ध्यान न देते हुए गिरिराज ने अब मामले पर सफाई पेश दी है. गिरिराज ने कहा, उन लोगों (कथित दंगाइयों) से जेल जाकर मिलने में कोई हर्ज नहीं है. उन्होंने जनता दल यूनाइटेड को भी जवाब देते हुए कहा, "अगर जेडीयू को इस पर आपत्ति है, तो वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे." उनका कहना है, "जयंत सिन्हा और मेरी गतिविधि पर जेडीयू ने कमेंट किया है. उस पर मुझे कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी." उन्होंने कहा, "मैं अपने लोगों से जेल में मिलने गया. उनके परिवार वालों के दुख में साथ खड़ा हुआ. उन्हें सांत्वना दी. जो मेरा काम था वो मैने कर दिया. अब ये उनका काम है. जिसको जो बोलना हो बोले. मैं कोई जवाब नहीं दूंगा." शनिवार को बिहार दंगों के आरोपियों से मिलने गिरिराज नवादा जेल पहुंचे थे जहा उन्होंने बजरंग दल के जिला संयोजक जितेंद्र प्रताप जीतू और विश्व हिंदू परिषद के जिलामंत्री कैलाश विश्वकर्मा से भेट की और इसके बाद इससे जुडी तस्वीरें ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा- "जीतू जी और कैलाश विश्वकर्मा जी से मिलने नवादा मंडल कारागार गया था." फिर इसे लेकर विवाद बढ़ गया. गिरिराज के जेल में जाकर कथित दंगाइयों से मिलने पर जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा, "गिरिराज सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य हैं. इसलिए वह जो कर रहे हैं. वह ठीक नहीं है." केसी त्यागी ने कहा कि गिरिराज सिंह जो कर रहे हैं उसमें उनकी भावना भी सही नहीं है. इस तरह की घटना समाज में तनाव पैदा करने वाली है. उन्होंने कहा महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश जो भी हमारे पूर्वज हैं वह हमेशा समाज में तनाव खत्म करने के पक्षधर थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी की विचारधारा अलग है और जेडीयू जिस विचारधारा पर चल रही है वह समाजवादी है. हमारे विचारधारा में कभी बदलाव न आया है और न कभी आएगा. हालांकि गिरिराज ने इन बातों पर ध्यान न देते हुए इन्हे फिजूल की बातें करार दिया है. गिरिराज सिंह ने विकास के लिए पेश किया नया समीकरण 'हिंदुस्तान के खिलाफ इंशा अल्लाह कहने वाले बर्दाश्त नहीं, मुखर हूं मुखर रहूंगा'