नई दिल्ली: पाकिस्तान से आकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रह रहे हिंदुओं की दयनीय स्थिति को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक अहम फैसला दिया है। उच्च न्यायालय ने दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड को 30 दिनों के अंदर विस्थापित हिंदुओं को बिजली कनेक्शन प्रदान करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति सतीशचंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा है कि इनका आधार कार्ड या दीर्घकालीन वीसा वहाँ रहने के लिए पर्याप्त आधार है। इस आधार पर वे बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दे सकते हैं। इसके पहले कंपनी ने इन हिंदुओं से भूमि के मालिकाना हक के दस्तावेज मांगे थे। पाकिस्तान से पलायन कर आए ये हिंदू फिलहाल रक्षा मंत्रालय की जमीन पर रह रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने भी बिजली के लिए इन हिन्दुओं को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किया था। हालाँकि, कंपनी बिजली कनेक्शन देने में टालमटोल करती रही। इस पर न्यायालय ने कहा कि जब संबंधित प्राधिकार ने बिजली देने की इजाजत दे दी है, तो कंपनी के पास उस क्षेत्र के लोगों को बिजली कनेक्शन देने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी है कि सभी लोग बिजली का मीटर लगाने के लिए तैयार हैं, ताकि कंपनी को किसी प्रकार का नुकसान ना हो। 'CM पद छोड़ा, अब चुनाव भी नहीं लड़ेंगे..', विजय रूपानी की इस घोषणा के मायने क्या ? देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना आज़ाद के बारे में ये 7 बातें नहीं जानते होंगे आप कोर्ट हर चीज़ में नहीं घुस सकती ? प्रदूषण पर तत्काल सुनवाई करने से CJI का इंकार