नई दिल्ली: ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कोरोना वायरस की दवा की कीमत को लेकर भारतीय औषधि महानियंत्रक (DGCI) दवरा जारी किए गए नोटिस का जवाब दे दिया है. इसमें कंपनी ने बताया है कि कोरोना वायरस के उपचार में उपयोग होने वाली अन्य दवाओं की तुलना में फैबिफ्लू सस्ती और असरदार है. ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने फेविपिराविर को फैबिफ्लू नाम से मार्केट में पेश किया है. इसके संबंध में कंपनी ने बताया है कि भारत में जब यह दवा लॉन्च की गई, उस समय बाजार में इसकी सबसे कम कीमत (103रु./टैबलेट) थी. विश्व के अन्य देशों में जहां फेविपिराविर की बिक्री की जारी है, उन देशों के मुकाबले में में भारत में सबसे कम कीमत होने की बात कही गई है. कंपनी का दावा है कि अन्य देशों के मुकाबले भारत में ग्लेनमार्क ने फेविपिराविर का दाम सबसे कम रखा है. कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाओं दवाओं के फुल कोर्स की बात करें तो फैबिफ्लू पर 9,150 रुपये, रेमडेसिविर पर 24,000 - 30,000 रुपये, टोसिलिजुमैब पर 44,000 रुपये और इटोलीजुमैब पर 32,000 रुपये की लागत आती है. आपको बता दें कि, DGCI ने ग्लेनमार्क को कोरोना के उपचार में प्रयोग होने वाली दवा को लेकर गलत दावा करने और कीमतों को लेकर नोटिस भेजा था. कारण बताओ नोटिस में कहा गया था कि एक संसद सदस्य ने शिकायत की है कि फैबिफ्लू के साथ उपचार का कुल खर्च लगभग 12,500 रुपये पड़ता है. वैक्सीन पर गुड न्यूज़ से शेयर बाजार गुलज़ार, सेंसेक्स में 500 अंकों की भारी बढ़त अब लूटने वाले दुकानदारों की खैर नहीं, मोदी सरकार ने लागू किया 'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम' इंफोसिस के हाथ लगी अब तक की सबसे बड़ी डील ! वैंगार्ड के साथ 1.5 अरब डॉलर में हुआ सौदा