वैज्ञानिक समय-समय पर ग्लोबल वार्मिग के बढ़ते खतरों के बारे में आगाह करते रहते हैं. अब एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने गर्मी और प्रसव के बीच एक संबंध का पता लगाया है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इसके कारण अब बच्चे समय से पहले पैदा हो रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में शिशु मृत्युदर बढ़ने की आशंका है. साथ ही इससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी प्रभावित हो सकता है. टाइफून कम्मुरी की चपेट में फ‍िलीपींस, सरकार ने जारी किया अलर्ट अपने बयान में कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्ष 1969-1988 के बीच गर्मी के मौसम में 25 हजार बच्चे दो सप्ताह पहले पैदा हुए थे. इसका मतलब है कि ये बच्चे लगभग एक लाख 50 हजार गर्भकालीन दिनों में मिलने वाले पोषण से वंचित रह गए. नेचर रिसर्च नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के लेखकों ने कहा है कि समय से पहले प्रसव होने को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. करतारपुर साहिब गुरद्वारे आने वाले सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तानी मौलवी ने दी धमकी आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-लॉस एंजिलिस के इंस्टीट्यूट ऑफ द इंवायरमेंटल एंड सस्टेनेबलिटी की एलन र्बेका ने कहा, ‘बच्चों के समय से पूर्व पैदा होने पर इस बात की संभावना ज्यादा रहती है कि उनका विकास अवरुद्ध हो जाए और इसका प्रभाव उनकी युवावस्था पर भी पड़ता है. लेकिन इस संबंध में मजबूत दावों के लिए अभी और अध्ययन की जरूरत है.'उन्होंने कहा, ‘गर्म मौसम से ऑक्सीटोसिन के स्तर में वृद्धि हो जाती है. यह एक ऐसा हार्मोन है जो प्रसव के साथ-साथ डिलीवरी को भी नियंत्रित करता है और गर्मी के कारण हृदय संबंधी तनाव भी बढ़ता है.' शोधकर्ताओं ने कहा कि इन दोनों के बीच का संबंध समय से पूर्व प्रसव के लिए जिम्मेदार हो सकता है. इमरान सरकार के लिए तीन दिग्गज नेता बने सिरदर्द, राजनीति में खेल रहे लुकाछुपी जुकाम का वायरस गर्भवती महिला के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक, इस तरह पहुंचता है नुकसान डोनाल्ड ट्रंप को लगा तगड़ा झटका, चुनाव प्रचार को नही मिला बड़ा मीडिया...