यदि हर दिन मंदिर या किसी भी धर्म स्थल पर जाकर आस्था और विश्वास के साथ प्रार्थना पूजा की जाए तो छोटी मोटी समस्याओं से यूं ही छुटकारा मिल सकता है। हालांकि मंदिर या धार्मिक स्थल पर जाने का एक निश्चित समय कर लेना चाहिए। मंदिर जाने से न केवल ईश्वर की भक्ति में मन रमेगा वहीं प्रार्थना करने से समस्याओं का भी निपटारा होने की शुरूआत हो जाती है, इस बात का विश्वास रखना चाहिए। मंदिर जाने के लिए विश्वास और आस्था जरूर रखने की जरूरत होती है। आप देवी-देवताओं की ओर देखेंगे तो वे भी आपकी तरफ देखेंगे। प्रतिदिन अच्छे भाव से मंदिर जाने से आपकी कई तरह की समस्याएं खत्म हो जाती हैं। नियमित मंदिर जाने से दृढ़ विश्वासल और उम्मीदों का संचार होता है। इसी प्रकार विश्‍वास की शक्ति से ही संतान की प्राप्ति, धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आपके मन में कोई अपराध का भाव है तो मंदिर में क्षमा याचना करने से आपके मन का बोझ हल्का हो जाता है। मन की बेचैनी खत्म होती है और आपका जीवन पटरियों पर आने लगता है। मंदिर का निर्माण ही वास्तु के मुताबिक होने के कारण वहां प्रवेश करते ही नकारात्मक ऊर्जा खत्म होकर सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। प्राचीनतम मंदिर ऊर्जा और प्रार्थना के प्रमुख केंद्र थे। इसी प्रकार धरती के का एक उत्तरी ध्रुव और दूसरा दक्षिणी ध्रुव होता है। उत्तर की तरफ मुख करके पूजा अथवा प्रार्थना की जाती है, इसलिए प्राचीन काल के ही मंदिरों के द्वार उत्तर दिशा की ओर खुलते हैं। क्यो नही की जाती ब्रम्‍हा जी की पूजा सूरदास जी वात्सल्य रस के सम्राट कृष्ण रंग में रंगी हिंदी की महान कवयित्री मीराबाई