स्वच्छ भारत अभियान में पिछड़े राज्यों में गोवा भी

नई दिल्ली : गोवा भारत में देशी और विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा स्थान हैं. मगर भारत सरकार दवारा चलाये गए व्यापक अभियान स्वच्छ भारत अभियान के तहत इसके किसी जिले को खुले में शौच मुक्त घोषित नहीं किया जा सका. गोवा के साथ साथ बिहार एवं मणिपुर के हालात भी ऐसे ही हैं. इन दोनों राज्यों में भी एक भी ऐसा जिला नहीं है, जिसे खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया हो. चौंकाने वाली बात यह है कि गोवा में सिर्फ दो जिले हैं, जबकि बिहार में 38 एवं मणिपुर में नौ जिले हैं.

अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, चंडीगढ़ तथा दमन-दीव जैसे केंद्र प्रशासित राज्य इस सूची में शीर्ष पर हैं. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने हाल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'दुर्भाग्य से गोवा में एक भी जिला खुले में शौच मुक्त नहीं है. हमें यह जानने की आवश्यकता है कि राज्य को इस संबंध में क्या दिक्कतें आ रही हैं.' प्रक्रिया में तेजी लाने और कारणों का पता लगाकर समाधान तलाशने के मकसद से अय्यर गोवा गए थे.

अधिकारियों का मानना है कि गोवा देश के सबसे छोटे राज्यों में से एक है. इसके पर्वतीय भू-भाग एवं निम्न जलस्तर के कारण यहां पानी की समुचित आपूर्ति करने में मुश्किल आती है. इसलिए अधिकतर ग्रामीण इलाकों में लोग मजबूरन खुले में शौच जाते हैं. गोवा, बिहार एवं मणिपुर के अलावा ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और पुडुचेरी भी खुले में शौच मुक्त सूची में निचले स्थान पर हैं.

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