हम सदियों से मानते आ रहे हैं कि कुछ प्रकार के पेड़ों पर अनेक प्रकार के भूतों का वास होता है, जिसमें से पीपल के पेड़ की चर्चा सबसे ज्‍यादा होती है। इसलिये हमें इस पेड़ के नजदीक जाने से रोका जाता है। पर क्‍या आप जानते हैं कि पीपल के पेड़ के प्रत्‍येक पत्‍ते पर भगवान का वास होता है? अगर आपने कभी अपने आस-पास ध्‍यान दिया हो और महसूस किया हो कि कहीं भी हवा न चल रही हो, लेकिन पीपल का हर पत्‍ता आपको डोलता हुआ दिखाई जरुर देगा। आखिर इस चमत्‍कार का क्‍या कारण है? इस वृक्ष पर घट बांधे जाते हैं. जब किसी व्‍यक्‍ति की मृत्‍यु होती है, तब जिस पेड़ पर घट बांधे जाते हैं, वह पेड़ पीपल का ही होता है। ऐसा इसलिये क्‍योंकि पीपल के पेड़ पर पूरे 33 कोटि भगवानों का वास होता है। पत्‍तों पर भगवान का वास हमारे धर्म शास्‍त्रों के अनुसार कोटि का मतलब हजार होता है, जिसका मतलब है कि पीपल के एक-एक पत्‍ते पर 33 कोटि भगवान विराजमान हैं। इस पेड़ में पितरों का भी वास होता है। और पितरों की पूजा भी इस पेड़ में की जाती है। बुरी शक्‍तियां भी देती हैं आर्शीवाद जितना संभव हो इस पेड़ की पूजा हमें करनी ही चाहिये क्‍योंकि बुरे से बुरे लोग और शक्‍तियां भी हमें आशीर्वाद देने लगती हैं। हमारे बुरे समय में जब हम पीपल के पेड़ की पूजा करेंगे, तो हमें आशीर्वाद मिलेगा क्‍योंकि इसमें हमारे पितर समाए हुए हैं, जो हमें अपना आर्शिवाद देते हैं। पीपल का वृक्ष जितना ही पुराना होता है, उतना ही लाभकारी होता है इसलिये हमें सदैव इसकी पूजा करनी चाहिये और इससे डरना नहीं चाहिये। शनि दोष कैसे उतारें अगर आपकी शनि की दशा चल रही है तो पीपल के 11 पत्‍ते ले कर उसमें हनुमान जी का सिंदूर लगा कर उसे हनुमान जी की मूर्ती के पैरों पर रखें। ऐसा करने से धीरे धीरे आपका शनि दोष और पितर दोष भी दूर हो जाएगा। काल पुरूष का दुःख माना गया है शनि जानिए क्या कहती है आपके हाथों की लकीरें भगवान की याद से बढ़कर कोई पुण्य नहीं