देशव्यापी लॉकडाउन और कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच 40 दिन के लॉकडाउन के चलते आय प्रभावित होने के कारण देश में बहुत से लोग नकदी के संकट से जूझ रहे हैं. ऐसे में गोल्ड लोन की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है. कर्जदाता भी मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए गोल्ड लोन को बढ़ावा दे रहे हैं. सोने की कीमत में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी हो जाने के कारण ग्राहक गोल्ड लोन के जरिए अधिक रकम के लोन के लिए आवेदन कर पा रहे हैं. RIL को एक साल में हुआ 40 हज़ार करोड़ का प्रॉफिट, फिर भी वेतन कटौती से बचाएगी 600 करोड़ आपकी जानकारी के लिए बता दे कि चीन के बाद भारत सोने का दूसरा बड़ा उपभोक्ता देश है. यहां बड़ी संख्या में लोग अपने घरों में सोना रखते हैं. मजबूत सामाजिक कल्याण प्रणाली और औपचारिक ऋण की व्यापक पहुंच का अभाव होने के कारण इस देश में सोना एक इंश्योरेंस पॉलिसी और रिटायरमेंट प्लान की तरह काम आता है. देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू 40 दिन के लॉकडाउन ने कई भारतियों को गोल्ड लोन लेने के लिए विवश किया है. ट्रेन और फ्लाइट में यात्रा के लिए अनिवार्य हो सकता है Aarogya Setu ऐप अपने बयान में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल में भारत के मैनेजिंग डायरेक्टर पीआर सोमसुंदरम ने एक इंटरव्यू में कहा, 'सोने की रीसाइक्लिंग और गोल्ड लोन में अगली कुछ तिमाहियों में तेजी आने का अनुमान है.' उन्होंने आगे कहा, 'दो कारणों से इस क्षेत्र में निश्चित रूप से मजबूत ग्रोथ रहेगी. पहला यह कि सोने की कीमतों में निरंतर इजाफा हो रहा है. इसलिए वे सोने की समान मात्रा के ऐवज में अधिक धन पा सकेंगे. दूसरा यह कि बैंक आर्थिक संकट की इस परिस्थिति में बिना मजबूत सुरक्षा के लोन देने की स्थिति में नहीं होंगे, इसलिए वे गोल्ड लोन को बढ़ावा देंगे.' लगभग पांच सौ करोड़ का प्रदेश का व्यापार प्रभावित ग्रीन और ऑरेंज जोन में मिली आने-जाने की छूट, पेट्रोल-डीजल के दाम जानना हुआ जरुरी Lockdown :ट्रेन से जा रहे मजदूरों को नहीं खरीदना होगा टिकट, राज्य सरकार से पैसे वसूलेगा रेलवे