रत्न को कभी भी अपने मन से धारण नहीं करना चाहिये। रत्न यदि फायदा दे सकते है तो नुकसान भी देते है और नुकसान ऐसा होता है कि संबंधित व्यक्ति त्राहि-त्राहि भी हो सकता है। इसलिये योग्य ज्योतिषी के उचित परामर्श से ही रत्न को धारण करना चाहिये। इसके अलावा जो भी रत्न बताया जाये उससे उचित धातु में पहनने की जरूरत है, ताकि लाभ ही लाभ प्राप्त हो सके। आईए जानते है कौन से ग्रह की कौन सी अनुकूल धातु होती है - सूर्य के लिये सोना अथवा स्वर्ण, चंद्रमा के लिये चांदी अथवा रजत, मंगल के लिये सोना, बुध के लिये सोना या कसकुट, गुरू हेतु चांदी, शुक्र के लिये भी चांदी, शनि हेतु लोहा-सीसा, राहु के लिये पंच धातु और केतु के लिये भी पंच धातु का ही उपयोग करना उचित सिद्ध होता है। पंच धातु में स्वर्ण, चांदी, तांबा, कांसा और लोहा का मिश्रण होता है। रत्न पहनने से बदल जाये भाग्य- रत्न पहनने से भाग्य बदल जाता है, यह बात सोलह आने सच है। इसलिये उचित परामर्श से रत्न धारण करें। रत्नों का महत्व ज्योतिष शास्त्र में है और यही कारण होता है कि रत्न धारण कराया जाता है। हल्दी की गांठ रखे तो हो विवाह की बाधा दूर