इंदौर। इंदौर में होने वाले प्रवासी सम्मलेन में एक तरफ जहां इंदौर को सजाया सवारा जा रहा है तो दूसरी तरफ इंदौर की धरोहर को सँभालने में प्रशासन कमजोर दिखाई दे रहा है। विदेशों से आ रहे मेहमानों के सामने जिन होलकरकालीन छतरियों को शहर की पहचान के तौर पर पेश किया जाएगा, उनकी देखभाल ने प्रशासन की टीम नाकाम नजर आई है। दरअसल कृष्णपुरा स्थित होलकर छतरियों के शिखर से स्वर्ण कलश चोरी हो गए हैं। आपको जानकारी दे दें तीन वर्षों से छतरियों के शिखर पर जड़े कलश गायब होने का सिलसिला चल रहा है। दरअसल 7 साल पहले प्रशासन द्वारा कृष्णपुरा छतरी के संरक्षण और सौंदर्यीकरण अभियान के नाम पर सुर्खियां भी बटोरी जा चुकी है। इसी के साथ इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी जोड़ा गया था जिसके बाद छतरियों के संरंक्षण के नाम पर तमाम दावे हुए थे। लेकिन प्रवासी भारतीय सम्मेलन से पहले नगर निगम हेरीटेज वाक शुरू करने और छतरियों की सफाई करने में तो जुटा हुआ है। सफाई में नगर निगम को छतरियों से कीमती स्वर्ण कलश गायब होने से बात भी पता चली है लेकिन इसके बाद भी नगर निगम अनजान बना हुआ है। दरअसल इंदौर के कृष्णपुरा पर कान्ह नदी के किनारे तुकोजीराव होलकर द्वितीय और शिवाजीराव होलकर की छतरियां देवी अहिल्या के शासन में बनाई गई थी। करीब 1886 से 1900 के बीच होलकर शासकों की स्मृति में छतरियों के शिखर पर स्वर्ण कलश जड़े गए थे। लेकिन इन 11 छतरियों में से दो छतरियों के शिखर से 4 स्वर्ण कलश अब तक गायब हो चुके हैं। आपको जानकारी होगी की छतरियों की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग के पास है लेकिन ये शिखर कलश गायब होने की जिम्मेदारी व इनकी देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम और स्थानीय एजेंसियों के पास ही है। खून से सनी लाश मिलने से इलाके में मची अफरा-तफरी, पुलिस ने आत्महत्या का दिया हवाला आखिर क्यों कलेक्टर ने 13 साल के इस बच्चे को बना दिया स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर? कचड़े में फैला करंट, एक दर्जन से अधिक गायों की हुई दर्दनाक मौत