Goldman Sachs ने GDP Growth का अनुमान फिर घटाया, 1.6% की वृद्धि दर का अनुमान कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर लुढ़ककर 1.6 फीसद पर आ सकती है. अमेरिका की ब्रोकरेज फर्म Goldman Sachs ने बुधवार को यह अनुमान जाहिर किया. Goldman Sachs के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि भारत के नीति निर्माताओं ने इस संकट से निपटने के लिए अब तक बहुत आक्रामक रुख नहीं दिखाया है और उन्हें अपने प्रयासों को बढ़ाने को जरूरत है. उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी वृद्धि दर के घटकर एक दशक के निचले स्तर पांच फीसद पर आ जाने का अनुमान है. चालू वित्त वर्ष में कोरोनावायरस महामारी ने इस समस्या को और विकट बना दिया है. MCX : सोने-चांदी के वायदा भाव में आया उछाल, जानिए नया भाव आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कई विश्लेषकों ने कोरोनवायरस के चलते वृद्धि रफ्तार में कमी का अनुमान जताया है लेकिन पूरे साल के लिए यह सबसे धीमी दर से वृद्धि का अनुमान है. Goldman Sachs की इस हालिया रिपोर्ट में कहा गया है, ''नीतिगत सपोर्ट और आगे भी इसके जारी रहने की उम्मीद के बीच हमारा मानना है कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और वायरस को लेकर लोगों में बढ़ती चिंता की वजह से मार्च और अगली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में भारी कमी आ सकती है.'' हर बीमारी की हो जाएगी छूटी, इन दवाओं से सरकार ने हटाया प्रतिबंध इसके अलावा ब्रोकरेज फर्म ने इससे पहले 22 मार्च के अपने अनुमान में कहा था कि देश में वित्त वर्ष 2020-21 में GDP की वृद्धि की रफ्तार 3.3 फीसद के आसपास रहेगी. एजेंसी ने कहा है कि 1.6 फीसद की वृद्धि दर 1970, 1980 के दशकों और 2009 की मंदी से भी कम वृद्धि दर को दिखाता है. वही, ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि विकास दर में दर्ज की जा रही मौजूदा कमी पहले की मंदी से अलग है क्योंकि अभी लोगों के दिमाग में डर है, जो पहले नहीं हुआ करता था. भारत में नौकरियों पर गहराया संकट, लॉक डाउन से 30 फीसद लोग हो जाएंगे बेरोज़गार कोरोना की मार से उबरा बाज़ार, आज दिनभर जमकर हुआ कारोबार 'कोरोना' ने अर्थव्यवस्था को पहुंचाई बड़ी चोट, हिलाकर रख देगा बेरोजगारी का आंकड़ा