कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के चलते पेशेवर गोल्फ टूर (पीजीटीआई) टूर्नामेंट रद्द होने और गोल्फ कोर्स बंद होने से दिहाड़ी पर काम कर रहे सैकड़ों कैडीज के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है. कोविड-19 से दुनिया भर में खेल टूर्नामेंट या तो रद्द हो गए हैं या स्थगित कर दिए गए हैं जिसमें गोल्फ भी शामिल है. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में करीब 2500 से 3000 कैडी रहते हैं जिनमें अधिकांश प्रवासी हैं. कई नियमित कैडी है तो कई पार्ट टाइम काम करते हैं. दो बार एशियाई टूर विजेता रशीद खान और 2015 जूनियर विश्व गोल्फ चैंपियन शुभम जगलान के कैडी रहे मंटू ने कहा, ‘हमारे देश में पांच प्रतिशत कैडी ही 20-25 हजार रुपये महीने कमा लेते हैं लेकिन बाकी सभी की हालत खराब है. करीब 50-60 कैडी ही शीर्ष गोल्फरों के साथ नियमित यात्रा करते हैं और कुछ को उनसे वेतन भी मिलता है लेकिन बाकी दिहाड़ी पर काम करते हैं.’ एक अन्य कैडीज का कहना है कि किसी गोल्फर के साथ काम करने पर कैडीज को 500-600 रुपये रोज कमाते हैं लेकिन अब तो कुछ काम ही नहीं है. मदद को बढ़े भी हैं हाथ: गोल्फ कोर्स बंद हो चुके हैं लेकिन कई क्लब मदद को आगे आए हैं. बॉम्बे प्रेसिडेंसी उन्हें राशन दे रहा है तो बैंगलोर गोल्फ क्लब हर कैडी को रोज 300 रुपये दे रहा है. नोएडा गोल्फ क्लब ने उन्हें 2000 रुपए दिए हैं जबकि पटना गोल्फ क्लब खाने के सामान के अलावा 1000 रुपये दे रहा है. दिल्ली गोल्फ क्लब ने कैडीज को पांच हजार रुपये देने का फैसला किया है और हर सदस्य एक कोष में 500 रुपये जमा कर रहा है. धोनी अभी पूरी तरह फिट, चेन्नई के लिए खेल सकते हैं 2-3 IPL यदि चाहते है कोरोना से बचना तो माने सचिन तेंदुलकर का कहना MS धोनी के संन्यास वाली बात पर बोले शोएब अख्तर, कहा- ‘यदि मैं उनके स्थान होता, तो...