प्रकृति इस तरह देती है शुभ और अशुभ संकेत

कहा जाता है कि भारतीय परंपराओं में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिन्‍हें शुभ और अशुभ से जोड़कर लोग देखते है. वहीं ऐसा भी माना जाता है कि प्रकृति में विभिन्न संदेशों को समझने एवं ग्रहण करने की क्षमता मनुष्य से कई ज्यादा होती है. ऐसा भी मना जाता है कि इसी के अनुसार वह अपने माध्यम से मनुष्य को आने वाले शुभ और अशुभ सकते देते हैं तो आइए आज हम आपको बताते हैं किन बातों को शकुन और अपशकुन का प्रतीक माना गया है.

 कहा जाता है कि जिस घर में काली चींटियां समूह वृद्ध होकर घूमती हैं वहां पर ऐश्वर्य की वृद्धि होती है साथ ही घर के अंदर मतभेद बढ़ते हैं. कहते हैं कि जिस घर के दरवाजे पर हाथी अपनी सूंड ऊंची करे वहां उन्नति, वृद्धि तथा मंगल होने की सूचना मिलती है और उस घर को लाभ होता है.  कहा जाता है कि आपके घर में अगर कबूतर प्राकृतिक रूप से निवास करते हैं तो यह एक शुभ संकेत है और आपकी उन्नति होगी. मान्यता है कि आपके घर की तरफ मुंह करके अगर कोई कुत्‍ता रोता है तो इस अशुभ माना जाता है और कोई नुकसान दायक समाचार मिलने वाला है. कहा जाता है कि घर में मकड़ी के जाले नहीं होने चाहिएं, वे शुभ नहीं होते और साथ ही जिस भवन में छछूंदरें घूमती हैं वहां लक्ष्मी की वृद्धि होती है. कहते हैं कि घर में काले चूहों की संख्या अधिक हो जाती है वहां किसी अचानक से व्‍यवधान उत्‍पन्‍न होने का अंदेशा माना जाता है. मान्यता है कि घर के आंगन में कोई पक्षी घायल होकर गिरे वहां दुर्घटना हटने वाली रहती है. कहा जाता है कि जिस भवन की छत पर कौए, टिटहरी अथवा उल्लू घोर शब्द करें तब वहां किसी समस्या अचानक ही आ जाती है.

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