हर बच्चे का फर्ज होता है कि वह उनके माॅं बाप की सेवा करे। उनकी देखभाल करे। लेकिन आज की यूवा पीढ़ी अपने शोख के चलते अपने ही माॅं बाप उनके लिए बोझ लगने लगते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आपके भी आंख में आंसू आ जाएगा। रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने वाले लड़के की नजरें अचानक एक बुजुर्ग दंपति पर पड़ी। उसने देखा कि वो बुजुर्ग पति अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर उसे सहारा देते हुए चल रहा था। थोड़ी दूर जाकर वो दंपति एक खाली जगह देखकर बैठ गए। कपड़ो के पहनावे से वो गरीब ही लग रहे थे। तभी ट्रेन के आने के संकेत हुए और वो चाय वाला वापस अपने काम में लग गया। शाम में जब वो चाय वाला वापिस स्टेशन पर आया तो देखा कि वो बुजुर्ग दंपति अभी भी उसी जगह बैठे हुए है। वो उन्हें देखकर कुछ सोच में पड़ गया । वापस अपने काम में लग गया। जब देर रात तक जब चाय वाले ने उन बुजुर्ग दंपति को उसी जगह पर देखा तो उससे रहा नहीं गया वो उनके पास गया और उनसे पूछने लगा, बाबा में आपको सुबह से यहाँ देख रहा हूँ आप क्या कर रहे है ? आपको जाना कहाँ है ? बुजुर्ग पति ने अपना जेब से कागज का एक टुकड़ा निकालकर चाय वाले को दिया और कहा- बेटा हम दोनों में से किसी को पढ़ना नहीं आता, इस कागज में मेरे बड़े बेटे का पता लिखा हुआ है। मेरे छोटे बेटे ने कहा था कि अगर भैया आपको लेने ना आ पाये तो किसी को भी ये पता बता देना, आपको सही जगह पहुँचा देगा। चाय वाले ने उत्सुकतावश जब वो कागज खोला तो उसके होश उड़ गये। उसकी आँखों से एका एक आंसूओं की धारा बहने लगी। उस कागज में लिखा था कि कृपया इन दोनों को आपके शहर के किसी वृध्दाश्रम में भर्ती करा दीजिए, बहुत बहुत मेहरबानी होगी दोस्तों। धिक्कार है ऐसी संतान पर ऐसी संतान के बजाय तो बाँझ रह जाना अच्छा होता है। करने जा रहे अगर भवन का निर्माण तो नींव पर दें विशेष ध्यान बड़ी से बड़ी तांत्रिक विद्या को नष्ट करता है ये उपाये तो इसलिए सुबह के सपने हो जाते हैं सच इस तरह से मनायें छोटी दिवाली