रत्न के माध्यम से बुरे गृह भी देंगे अच्छे फल

मानव जीवन पर किसी न किसी कुंडली का असर जरूर होता है। और यह कुंडली गृहों पर आधारित होती है। जिसका असर मानव जीवन पर शुभ-अशुभ तरीके से पड़ता हैं। इनमें कुछ गृह तो मानव जीवन को अच्छे फल प्रदान करते है। लेकिन कुछ गृह ऐसे भी हैं, जो मानव के जीवन को बुरे तरीके से प्रभावित करते हैं। अब सवाल यह उठता है, कि इन बुरे प्रभावित गृह को आखिर कैसे शांत किया जाए? शास्त्र के मुताबिक इन गृहों को शांत करने के लिए रत्नों का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें हर प्रकार के रत्नों का अपना अलग महत्व होता है। जिसके माध्यम से हम बुरे गृहों को शांत कर सकते हैं। 

हमारी कुंडली में सामान्यता दिखाई देने वालेअच्छे गृह कई बार अच्छा फल देने की बजाय नुकसान करते है और नुकसान देने वाले गृह अच्छा फल दे जाते है। यह भी जरुरी नहीं है की फायदा देने वाले गृह की दशा आपके जीवन में आएगी, और यदि आती भी है तो कब ? बचपन में, जवानी मे या बुढ़ापे में, क्योकि बचपन या बुढ़ापे में इन दशाओं का अधिक महत्व न होगा, क्योकि यदि जवानी में यह दशा आती है, तो जातक सामान्य से अधिक तरक्की करता है।

अब यदि आपके अच्छे गृह की दशा आपके जीवन में नहीं आती या फिर ऐसे समय में आती है, जब उसका ज्यादा महत्व न हो, तो उस गृह के अच्छे फलों से आप वंचित रह जायेगे । और यही कारण है की हमें अच्छे गृह के रत्नों को धारण करना चाहिए, फलस्वरूप यदि उस गृह की दशा न हो तो भी रत्न द्वारा उस गृह के प्रभाव को हम कायम रख सकते है।

 

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