फिल्म- गुड लक जेरी निर्देशक- सिद्धार्थ सेन कलाकार- जान्हवी कपूर, दीपक डोबरियाल, मीता वशिष्ठ, सुशांत सिंह, नीरज सूद, सौरभ सचदेवा, जसवंत सिंह दलाल प्लेटफॉर्म- डिज्नी+हॉटस्टार स्टार- 3.5 कहानी- यह कहानी है बिहार के दरभंगा से पंजाब आई जेरी (जान्हवी कपूर) की जो अपनी मां (मीता वशिष्ठ) और छोटी बहन चेरी के साथ मुश्किल से गुजर बरस कर रही होती है। वहीं एक दिन अचानक ही उसका सामना ड्रग बेचने वाले गिरोह से होता है। जेरी की शुरुआत जबरदस्ती होती है, लेकिन जल्द ही वो समझ जाती है कि जितने पैसों की उसे जरूरत है, वो उसे इसी काम से मिल सकते हैं। जी दरअसल जेरी को अपनी मां के कैंसर के इलाज के लिए 20 लाख रूपयों की जरूरत होती है। ऐसे में वह ना चाहते हुए भी ड्रग डीलिंग के धंधे से जुड़ जाती है। वहीं गिरोह वाले भी उसके काम से बेहद खुद होते हैं क्योंकि अपनी मासूम शक्ल की वजह से जेरी पुलिस वालों को आसानी से झांसा दे देती है। हालाँकि मुश्किल तब शुरु होती है, जब जेरी इस धंधे से निकलने का सोचती है। जी हाँ और गिरोह के मुखिया द्वारा उसे और उसके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी दी जाती है, लेकिन जेरी कहती है- "जितने हम दिखते हैं, उतने हैं नहीं"।। उसके बाद वह गुंडों के सामने घुटने नहीं टेकती है और अपनी चालाकी से सबको चमका दे जाती है। हालाँकि यह सब कैसे होता है।। यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी। अभिनय- जया कुमार उर्फ़ जेरी के किरदार में जान्हवी कपूर ने शानदार प्रदर्शन किया है। जी हाँ, सीधी सादी मासूमियत से भरी लेकिन हिम्मती और चालाक अपने किरदार को जान्हवी ने अच्छे से निभाया। वैसे तो जान्हवी अपनी हर फिल्म के साथ और दमदार होती जा रही हैं लेकिन इसमें उनका अंदाज बेहतरीन रहा। दीपक डोबरियाल, सुशांत सिंह, नीरज सूद, सौरभ सचदेवा, जसवंत सिंह दलाल।। सभी कलाकार अपने अपने किरदारों में खूब जमे हैं। निर्देशन- मोमो बनाकर बेचने वाली मां और दो बेटियों की कहानी को निर्देशन सिद्धार्थ सेन इतने मनोरंजक तरीके से परोसा है कि आप लगातार फिल्म से बंधे रहते हैं। वैसे तो आम तौर पर रीमेक बनाने के दौरान कहानी से इमोशनल टच खो जाता है। हालाँकि यहां निर्देशक से उस बात का ख्याल रखा है। इस वजह से कहानी दमदार बनी। रेटिंग- इमोशन और कॉमेडी की सही मात्रा, अच्छी कहानी और दमदार स्टारकास्ट।। 'गुड लक जेरी' में यह सब कुछ मौजूद है। ऐसे में फिल्म लाजवाब है और फिल्म एक इमोशनल सुर से शुरु होती है, लेकिन अंत तक ऐसी भागमभाग मचती है कि आप एक हंसी के साथ रह जाते हैं। यह वाकई में कॉमेडी और ड्रामा पसंद करने वालों के लिए बेस्ट कही जा सकती है। संजू बाबा के जन्मदिन पर जरूर पढ़े उनके यह दमदार डायलॉग्स मुंबई ब्लास्ट से जुड़ा था संजय दत्त का नाम, जेल में मिलता था मक्खी वाला खाना पत्नी ने अनोखे अंदाज में दी संजय दत्त को जन्मदिन की बधाई