बर्न. जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है तब से ही वे देश से बाहर छुपाये गए काले धन को वापस लाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहे है लेकिन अभी तक इस मामले में सरकार के हाथ कोई बड़ी कामयाबी नहीं लगी थी. लेकिन इस मामले अब देश के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. मेक्सिको : ट्रंप की बेटी के दौरे से पहले अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर गंभीर हमला दरअसल काले धन को लेकर देश की सरकार और पीएम मोदी के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि काले धन के लिये सुरक्षित पनाह देने के लिए मशहूर देश स्विट्जरलैंड की सरकार अब भारत सरकार को दो कंपनियों की जानकारी देने के लिये राजी हो है. इन दोनों कंपनियों में से एक कंपनी सूचीबद्ध है और उल्लंघनों के कई मामले के लिए बाजार नियामक सेबी की निगरानी भी इस कंपनी पर बनी हुई है. इसी तरह जिस दूसरी कंपनी की जानकारी साझा की जाएगी उसका तमिलनाडु के कुछ राजनेताओं से संबंध माना जाता है. स्विट्जरलैंड सरकार इन दो कंपनियों के साथ-साथ भारतीय एजेंसियों को तीन लोगों के बारे में भी जानकारी देने के लिये राजी हो गई है. कुम्भ मेले के दौरान गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की तैयारी में है नैनी सेंट्रल जेल की दीवार आपको बता दें कि स्विट्जरलैंड में बैंकिंग नियम बहुत कड़े है और यहाँ की बैंक और सरकार अब तक अपने किसी भी खाताधारक की किसी भी प्रकार की जानकारी किसी से भी साझा नहीं करते थे. लेकिन अब ऐसा लगता है कि कालेधन को बढ़ावा देने के आरोप लगने के बाद से स्विट्जरलैंड भी अपनी छवि सुधारने में जुट गया है. ख़बरें और भी World Disability Day : कैसे और क्यों हुई इस दिन की शुरुआत ? सुर्खियां: ये हैं देश और दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी ख़बरें अमेरिका : अलास्का के भारी भूकंप के बाद महसूस किये गए 230 से ज्यादा झटके हॉकी विश्व कप: आज बेल्जियम को टक्कर देने उतरेगी भारतीय टीम