नई दिल्ली: मांग में वृद्धि और कोरोना महामारी की स्थिति में सुधार से भारतीय इकोनॉमी में सुधार देखने को मिल रहा है. दरअसल, अक्टूबर में भारत में विनिर्माण गतिविधियों में गति आई है. क्योंकि कंपनियों ने नए कामों में पर्याप्त वृद्धि के अनुरूप प्रोडक्शन भी बढ़ाया है. एक निजी सर्वे के मुताबिक, भारत की विनिर्माण गतिविधि 7 महीनों में सबसे तेज रफ़्तार से बढ़ी है. कारखाने के उत्पादन में तेज गति से इजाफा हुआ है, जो मार्च के बाद से सबसे मजबूत थी. मंथली IHS मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) में अक्टूबर में निरंतर चौथे माह विस्तार देखा गया, जो फरवरी के बाद से परिचालन स्थितियों में सबसे मजबूत सुधार की तरफ संकेत करता है. फरवरी के बाद यह लगातार चौथा महीना है, जब इन आंकड़ों में तेजी दर्ज की गई है. PMI के 1 नवंबर को जारी सर्वे के अनुसार, देश की मैन्युफैक्चरिंग PMI अक्टूबर माह में 55.9 पर रही है. वहीं सितंबर में ये 53.7 और अगस्त में 52.3 पर रही थी. PMI मानक पर निगाह डालें तो 50 से ऊपर का मतलब होता है कि अर्थव्यवस्था में विस्तार हो रहा है. जबकि 50 के नीचे के आंकड़े अर्थव्यवस्था में गिरावट का संकेत देता है. अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बाजार के सुधरते सेंटीमेंट, उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग की वजह से आए नए ऑर्डर्स का लाभ दिखा है. पिछले महीने फैक्ट्री आउटपुट में भी मार्च के बाद की सबसे तेज वृद्धि देखने को मिली है. '450 अरब रुपए एकसाथ दे दूंगा, अगर आप ये समझा दें...,' एलन मस्क का चैलेंज दिवाली से पहले फूटा 'महंगाई बम', पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ी कीमतों ने निकाला आम आदमी का दम महीने के आखिरी दिन आमजन को बड़ा झटका, फिर उछले पेट्रोल-डीजल के दाम