Jaypee Infratech की आवासीय परियोजनाओं में पैसा लगाने वालों के लिए राहत भरी खबर आ रही है। इस खबर से जल्द घर मिलने की उम्मीद कर रहे हजारों लोगों के चेहरे पर मुस्कान तैर सकती है। दरअसल, लेंडर्स और मकान खरीदारों सहित वित्तीय कर्जदाताओं ने कर्ज में डूबी Real Estate कंपनी के अधिग्रहण को लेकर सरकारी स्वामित्व वाली NBCC की बोली को मंजूरी दे दी है। एक मिडिया रिपोर्टर के सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) ने 97.36 फीसद मत के साथ एनबीसीसी की समाधान योजना को अपनी स्वीकृति दे दी। Jaypee Infratech के अधिग्रहण की यह तीसरी कोशिश है। 23,000 मकान खरीदारों को राहत मिलने की संभावना इससे पहले अगस्त 2017 में जेपी के मामले को कॉरपोरेट इंसाल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) के लिए ले जाया गया था। यदि इस मामले का सफल समाधान हो जाता है तो दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 23,000 घर खरीदारों की बड़ी राहत मिल सकती है। Jaypee की विभिन्न परियोजनाओं में कई वर्षों से इन लोगों के रुपये फंसे हुए हैं। 10 दिसंबर को बोलियों पर शुरू हुई थी वोटिंग NBCC को पहले National Buildings Construction Corporation के नाम से जाना जाता था। यह भारत की नवरत्न कंपनियों में शामिल प्रमुख कंपनी है। Jaypee के अधिग्रहण के लिए NBCC और मुंबई की Suraksha Realty की बोलियों पर वोटिंग 10 दिसंबर को शुरू हुई थी और कल रात 11.59 बजे तक इस पर वोटिंग हुई थी। 13 बैंकों और 23,000 से अधिक मकान खरीदारों को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स में वोटिंग का अधिकार था। खरीदारों के पास करीब 58 फीसद वोट थे। Jaypee Infratech के Interim Resolution Professional (IRP) ने मकान खरीदारों के 13,000 करोड़ से ज्यादा के दावे और लेंडर्स के 9,800 रुपये के दावे को माना है। अनुज जैन को दिवाला प्रक्रिया के संचालन और कंपनी के मामलों को देखने के लिए कंपनी का आईआरपी नियुक्त किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय मांग के चलते सोने के दाम में आया उछाल, चांदी में भी आई चमक पीपीएफ नियमों में मोदी सरकार ने किया बड़ा परिवर्तन, आपको मिलेंगे यह फायदे Karvy Fraud जैसे मामलों से बचाब के कदम, निवेशकों के हितों की सुरक्षाः SEBI