नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अक्सर बेरोज़गारी के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर रहती है, लेकिन आंकड़े दिखाते हैं कि, पिछले कुछ वर्षों में भारत में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इसके परिणामस्वरूप संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल होने वाले नौकरी चाहने वालों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे नए सदस्य नामांकन के रिकॉर्ड स्थापित हुए हैं। अप्रैल 2024 में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) की सामाजिक सुरक्षा योजना में लगभग 16.47 लाख नए सदस्य शामिल हुए और 18,490 नए संस्थान पंजीकृत हुए। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.67 करोड़ नए सदस्य ESIC योजनाओं में शामिल हुए, जबकि 2021-22 में 1.49 करोड़ और 2020-21 में 1.15 करोड़ नए सदस्य शामिल हुए। पिछले वर्षों में 2019-20 में 1.51 करोड़, 2018-19 में 1.49 करोड़ और सितंबर 2017 से मार्च 2018 तक 83.35 लाख सदस्य जुड़े थे। पेरोल डेटा युवाओं के लिए नौकरी के अवसरों में वृद्धि दर्शाता है, अप्रैल 2024 में 16.47 लाख कर्मचारियों में से 7.84 लाख 25 वर्ष से कम आयु के हैं, जो कुल नए कर्मचारियों का 47.60% है। इसके अतिरिक्त, अप्रैल 2024 में 3.38 लाख महिलाएं और 53 ट्रांसजेंडर कर्मचारी ईएसआई योजना में शामिल हुए, जो समावेशिता के प्रति ईएसआईसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के मार्च 2024 के डेटा में 14.41 लाख सदस्य जुड़े हैं, जिनमें से 7.47 लाख नए सदस्य हैं। उल्लेखनीय रूप से, इन नए सदस्यों में से 56.83% 18 से 25 वर्ष की आयु के हैं। मार्च में, 2 लाख महिलाएं पहली बार EPFO में शामिल हुईं, इस महीने के लिए कुल 2.90 लाख महिला सदस्य दर्ज किए गए। राज्यवार आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा और दिल्ली में सबसे अधिक नए सदस्य देखे गए। उद्योग के लिहाज से, होटल उद्योग, चाय प्रतिष्ठानों, व्यापारिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, भारी रसायनों और जीवन बीमा क्षेत्रों में रोजगार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। EPFO के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 1.39 करोड़ नए सदस्य शामिल हुए, जो पिछले वर्ष के 1.22 करोड़ नए सदस्यों से 13.22% अधिक है। EPFO 15,000 रुपये से अधिक मूल वेतन वाले संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना पर विचार कर रहा है, जो वर्तमान में कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (EPS-95) के तहत कवर नहीं हैं। वर्तमान में, केवल 15,000 रुपये तक के मूल वेतन वाले लोग ही अनिवार्य रूप से कवर किए जाते हैं। पेंशन योग्य वेतन का विस्तार करने से अतिरिक्त 50 लाख कर्मचारी ईपीएस-95 के अंतर्गत आ सकते हैं। जहरीली शराब से जान गंवाने वाले 34 लोगों के परिवार को 10-10 लाख देगी तमिलनाडु सरकार, CM स्टालिन ने किया ऐलान 'केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी नहीं रह सकती..', मराठा आरक्षण पर बोले शरद पवार नहीं रुकेगी काउंसलिंग..! NEET मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और NTA को भेजा नोटिस