अलविदा डॉ मनमोहन..! पूर्व पीएम को कांग्रेस हेडक्वार्टर में दी जा रही अंतिम विदाई, स्मारक बनवाएगी सरकार

नई दिल्ली: आज देश के पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह को अंतिम बिदाई दी जा रही है, फ़िलहाल उनका पार्थिव शारित दिल्ली स्थित कांग्रेस हेडक्वार्टर में रखा गया है, जहाँ दिग्गज राजनेता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद कांग्रेस हेडक्वार्टर से ही उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी।और आज शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

 

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर दोपहर 11।45 बजे अंतिम संस्कार कराने का फैसला लिया गया है। वहीं, डॉ। मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस के कई दिग्गज नेता पार्टी हेडक्वार्टर पहुँच चुके हैं। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता और सांसद राहुल गांधी तथा कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वहां मौजूद हैं।  कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कांग्रेस मुख्यालय पहुंच चुके हैं। यहाँ लगभग एक घंटे तक कांग्रेस कार्यकर्ता और आम जनता अपने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दे सकेगी।

इसी बीच, कांग्रेस सहित अन्य सियासी दलों ने डॉ मनमोहन का स्मारक बनाने की मांग उठाई है, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। सरकार ने इसके लिए एक ट्रस्ट गठित करने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने बताया है कि, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन सिंह की स्मृति में राष्ट्रीय राजधानी में एक स्मारक बनाया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि शुक्रवार सुबह सरकार को कांग्रेस पार्टी प्रमुख की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने का अनुरोध प्राप्त हुआ था, जिसके संबंध में फैसला ले लिया गया है। कैबिनेट मीटिंग के फ़ौरन बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस प्रमुख खड़गे और स्वर्गीय डॉ। मनमोहन सिंह के परिवार को जानकारी कि सरकार स्मारक के लिए जगह आवंटित करेगी। इस बीच अंतिम संस्कार और अन्य आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा सकती हैं, क्योंकि एक ट्रस्ट बनाया जाएगाहै और इसके लिए जगह आवंटित की जाएगी।

गौरतलब है कि गुरुवार (26 दिसंबर) रात मनमोहन सिंह का दिल्ली के AIIMS अस्पताल में 92 वर्ष की आयु में देहांत हो गया था। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। बता दें कि, डॉ। मनमोहन सिंह, जो कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में 10 वर्षों तक देश का नेतृत्व किया था। 

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