गूगल को 'सिख रेफरेंडम' के साथ जुड़ना पड़ सकता है भारी, यूजर्स ने जताई नाराज़गी

यह बात तो सभी जानते है कि हाल ही में सोशल मीडिया की हैकिंग को लेकर यूजर्स में सनसनी मच गई थी वही गूगल को अपने ऐप प्लेटफॉर्म 'गूगल प्ले स्टोर' (Google Play Store) में भारत विरोधी एजेंडे से जुड़ी '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप को रखना भारी पड़ चुका है. वही सोशल मीडिया पर लोगों ने गूगल को जमकर फटकार लगाना शुरू कर दिया है. मिली जानकारी के बाद ट्विटर पर गूगल के ख़िलाफ नाराज़गी जताते हुए लोगों ने सलाह दी है कि गूगल को भारत विरोधी एजेंडे में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.

सूत्रों के मुताबिक यह बात सामने आया है कि असल में कुछ अलगाववादी सिख संगठन भारत से अलग पंजाब की मांग कर चुके है . वही भारत के ख़िलाफ दुनियाभर में सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार करने की कोशिश किया जा रहा है, कि वर्ष 2020 में एक जनमत संग्रह होगा, इसके लिए तय होना है कि सिखों को एक अलग देश मिलना चाहिए या नहीं. इसी मुहिम का नाम इन संगठनों ने '2020 सिख रेफरेंडम' रखा गया है. मिली जाकारी के अनुसार गूगल प्ले स्टोर में '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप एक फ्री है.

इस ऐप के माध्यम से लोगों को भारत के खिलाफ चल रहे कैंपेन में जोड़ा गया है, यह ऐप दुनिया के करीब 27 देशों में उपलब्ध है, जिनमें पाकिस्तान (Pakistan), अमेरिका (USA), यूनाइटेड किंगडम (UK), कनाडा और आस्ट्रेलिया जैसे देश भी सम्मलित है. हम आपको बता दें इससे पहले भारत सरकार ने 17 जुलाई 2019 को 'सिक्ख फॉर जस्टिस' (Sikhs for Justice) संगठन को भारत विरोध गतिविधियां चलाने के लिए बैन हो चुकी है. यह बात जानकर आपको हैरानी होगी कि एक बार पहले भी गूगल को ऐसी ही एक भारत विरोधी ऐप के चक्कर में फजीहत झेलनी पड़ी है. गूगल प्ले स्टोर पर 'होली वार अगेंस्ट इंडिया' नाम की ऐप थी जो कि एक किताब 'ग़जवा-ए-हिंद' का अंग्रेजी में अनुवाद करके डाउनलोड करने के लिए थी. इस ऐप का इस्लाम जुड़ा बताया कहा गया है.और ऐसा दावा किया जा रहा था कि एक दिन भारत पर इस्लामिक सेनाएं कब्जा कर रही है.

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