नई दिल्ली: कोरोना के कारण पूरी दुनिया में 'वर्क फ्रॉम होम' का ट्रेंड बढ़ गया है. लिहाजा कंपनियों की अब कर्मचारियों पर खर्च घट गया है. भारतीय कंपनियों सहित विश्व की तमाम दिग्गज कंपनियों को परिचालन के मोर्चे पर पहले की तुलना में कम खर्च करना पड़ रहा है. दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल को भी वर्क फ्रॉम होम के चलते पिछले एक साल में 7400 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है. गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक. के अनुसार, वर्ष 2020 में एडवरटाइजिंग और प्रमोशनल खर्चों में 1.4 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है. कंपनी ने कोरोना महामारी के दौरान खर्चों को घटाया, रोका या कैंपेन को रीशेड्यूल किया. कुछ इवेंट्स को सिर्फ डिजिटल फॉर्मेट में बदल दिया. ऐसे में ट्रैवल और एंटरटेनमेंट खर्च 371 मिलियन डॉलर कम हो गया. गूगल कर्मचारियों के मनोरंजन और उनके आराम के लिए काफी पैसा खर्च करती है. गूगल में कर्मचारियों के भोजन, मनोरंजन और उन्हें आराम की सुविधा देने के लिए मोटी रकम खर्च की जाती है. किन्तु वर्क फ्रॉम होम के कारण ये भत्ते कर्मचारियों को अब नहीं दिए जा रहे हैं. लिहाजा कंपनी का बहुत पैसा बच जाता है. हालांकि, गूगल इस वर्ष के अंत में दोबारा दफ्तर से काम शुरू करने की योजना बना रही है. चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रूथ पोराट ने निवेशकों को जानकारी दी है कि कंपनी एक 'हाइब्रिड' मॉडल की योजना बना रही है, जिसमें कर्मचारियों की जगह पहले की तुलना में कम है. पोराट ने यह भी कहा कि गूगल विश्वभर में रियल एस्टेट में निवेश कम करना नहीं चाहेगी. पंजाब में आज से शुरू नहीं होगा 18+ टीकाकरण, सीएम अमरिंदर बोले- हमारे पास वैक्सीन नहीं वित्त मंत्रालय ने राज्यों को 8,873.6 करोड़ रुपये का फंड किया जारी पाकिस्तान ईद की छुट्टियों से पहले की इनबाउंड अंतरराष्ट्रीय उड़ानें कम करने की सिफारिश की