इस समय बहुत से मामले में इंटरनेट के जरिए होने वाली जालसाजी के मामले आए दिन सुनने को मिलते हैं. टेक्नॉलजी के इस दौर में हैकर्स के लिए आज एक से बढ़कर एक तरीके हैं जिससे वे यूजर्स के डेटा की चोरी करने के साथ ही उनके पैसों को भी चुरा रहे हैं. ऐसी ही धोखाधड़ी करने के लिए गूगल सर्च आजकल जालसाजों का सबसे पसंदीदा हथियार बना हुआ है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से जानिए किन कारणों की वजह से भारत में 5G सर्विस शुरू होने में हो रही देरी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हाल में एक महिला को गूगल सर्च पर Swiggy Go के कस्टमर केयर नंबर को ढूंढना महंगा पड़ गया. गूगल सर्च पर दिया गया स्विगी गो का नंबर फर्जी था और महिला की कॉल हैकर्स के पास चली गई. इन हैकर्स ने बड़ी चालाकी से महिला को अपनी बातों में फंसा कर उनके खाते से 95 हजार रुपये उड़ा लिए. आपके साथ भी ऐसी कोई घटना न हो इसके लिए हैकर्स द्वारा किए जा रहे इस 'गूगल स्कैम' के खेल को अच्छी तरह समझना बहुत जरूरी है.गूगल सर्च पर ये हैकर्स किसी भी कंपनी के कस्टमर केयर का फर्जी नंबर पोस्ट कर देते हैं. इसके लिए ये जालसाज कंपनी की नकली वेबसाइट्स का भी इस्तेमाल करते हैं। इसे गूगल की भाषा में फेक बिजनस लिस्टिंग कहा जा सकता है. भोले भाले यूजर्स इनकी सही पहचान नहीं कर पाते और फर्जी कस्टमर केयर नंबर को सही समझ कर कॉल कर देते हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें जोमैटो, स्विगीस, पेटीएम के साथ ही कुछ सरकारी विभागों के भी फर्जी नंबर मौजूद हैं. Flipkart पर ये लेटेस्ट स्मार्टफोन पहली बार सेल में होगा उपलब्ध, जानिए ऑफर गूगल यूजर्स को गूगल मैप्स और गूगल सर्च में दुकानों/बैंको के कॉन्टैक्ट डीटेल्स को एडिट करने की सुविधा देता है. गूगल की इससे कोशिश होती है कि वह यूजर्स को ऐक्युरेट डीटेल दे सके. हालांकि, जालसाज इसका गलत फायदा उठाकर लोगों को ठगने के लिए कॉन्टैक्ट नंबर और अड्रेस बदल देते हैं.गूगल सर्च में गलत कॉन्टैक्ट डीटेल्स को एंटर करने के साथ ही ये ठग फर्जी कस्टमर केयर एग्जिक्युटिव भी बन जाते हैं. यूजर्स को शक न हो इसके लिए ये जालसाज उनसे बिल्कुल प्रफेशनल्स की तरह ही बात करते हैं और कॉल को वेरिफाइ करने के लिए यूजर्स से बैंकिग और पर्सनल डीटेल्स की मांग करते हैं. अगर आपने इन गलतीयों पर नही दिया ध्यान तो, आपका Whatsapp अकांउट हो सकता है बैन आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये जालसाज यूजर्स को ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. ये ऐप रिमोट डेस्कटॉप ऐप AnyDesk या TeamViwer भी हो सकते हैंष इन ऐप्स की मदद से ये हैकर्स यूजर्स के डिवाइस का पूरा ऐक्सेस पा जाते है. इतना ही नहीं इन ऐप्स के जरिए ये हैकर यूजर द्वारा मोबाइल की जाने वाली हर ऐक्टिविटी को भी रिकॉर्ड कर लेते हैं. इसके साथ ही ये जालसाज UPI स्कैम को भी अपना रहे हैं. यूपीआई ऐप्स के जरिए यूजर्स को 'मनी रिक्वेस्ट' भेजकर धोखाधड़ी की कोशिश भी कर सकते हैं.गूगल सर्च द्वारा होने वाली हैकिंग से बचने का एक ही तरीका है कि गूगल पर मौजूद कस्टमर केयर नंबर्स और अड्रेस पर आंख बंद कर भरोसा ना किया जाए. बेहतर होगा कि आप अपनी बैंकिंग या किसी अन्य ऑनलाइन काम को कंपनी की ऑफिशल वेबसाइट से ही करें. आज Realme XT स्मार्टफोन होगा लॉन्च, यहां देखे लाइव अगर ये टिप्स है आपको पता तो, चालान भरने से मिल सकती है राहत रेल्वे में रिजर्वेशन कराने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, टिकटों को लेकर दिक्कत होगी कम