हाल ही में Google ने एक बार फिर कंपनी ने बड़े स्तर पर छंटनी की है तथा ये भारतीय यूनिट्स से की गई है। कहा जा रहा है कि गूगल ने भारत में अपने 453 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, इन 453 भारतीय कर्मचारियों (Google Indian Employee Layoff) के निकाले जाने की कार्यवाही बृहस्पतिवार रात की गई तथा मेल के माध्यम से खबर दी गई है। इस मेल को गूगल इंडिया (Google India) के कंट्री हेड एवं वाइस प्रेसिडेंट संजय गुप्ता की तरफ से भेजा गया है। वही इस मेल में छंटनी के फैसले पर गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ भारतीय मूल के सुंदर पिचाई की मंजूरी का जिक्र भी किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कई वजहों के कारण गूगल में छंटनी का निर्णय लिया गया है तथा Sundar Pichai इन सभी फैसलों की पूरी जिम्मेदारी लेने के लिए सहमत हो गए हैं। वर्ष का आरम्भ मतलब जनवरी 2023 में ही गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई द्वारा भेजे गए नोट में उन्होंने दावा किया था कि अमेरिका के बाहर Google के निकाले गए कर्मचारियों को स्थानीय नियमों के अनुसार सपोर्ट मिलेगा। वही जहां एक तरफ गूगल ने भारत में 453 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है, वहीं अभी तक ये साफ़ नहीं हो सका है कि वैश्विक स्तर पर कितने कर्मचारी प्रभावित हुए हैं, या टेक दिग्गज में और छंटनी होगी या नहीं। बता दें कि बीते महीने ही गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक ने ऐलान किया था कि लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी। ये छंटनी वैश्विक स्तर पर कंपनी के कुल हेडकाउंट का तकरीबन 6 प्रतिशत होता है। भारत में की गई ये छंटनी भी इसी आंकड़े में सम्मिलित है या फिर देश में कंपनी ने छंटनी का नया दौर आरम्भ कर दिया है, ये साफ नहीं हो सका है। मंदी के खतरे के बीच कॉस्ट कटिंग का हवाला देते हुए दुनिया की दिग्गज कंपनियों में छंटनी की जा रही है तथा इसमें टेक कंपनियां सबसे आगे दिखाई दे रही हैं। गूगल के अतिरिक्त अमेजन ने अपनी वर्क फोर्स में 18,000 कर्मचारियों की कटौती का फैसला लिया, तो वहीं फेसबुक ने पहले 11,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया एवं अभी भी हजारों कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटकी हुई है। छंटनी की रेस में सम्मिलित अन्य कंपनियों में ट्विटर, अलीबाबा, वॉलमार्ट सहित अन्य कई नाम सम्मिलित हैं। 272 रुपए का एक लीटर पेट्रोल, आटा-चायपत्ती के भाव भी आसमान पर, जनता का खून चूस रहे शाहबाज़ खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों की पदक लिस्ट में टॉप पर पंहुचा जम्मू कश्मीर करोड़ों की कोठी में अकेली बुजुर्ग महिला, कब मौत हो गई, किसी को पता नहीं, अब मिला कंकाल