जम्मू-कश्मीर में लागू हो सकता है 'राज्यपाल शासन'

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री के पद पर रहते ही मुफ्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु से राज्य में एक बार फिर सियासत संभालने संबंधी विपदा आन पड़ी है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि राज्य में राज्यपाल शासन लग सकता है। इससे पहले कहा जा रहा था कि प्रदेश की बागडोर सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती सईद को दी जाएगी। 56 वर्षीय महबूबा ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से इंकार किया है।

वो मुफ्ती सईद के अचानक निधन से दुखी है। फिलहाल राज्य शोक तक वो शपथ नहीं लेंगी। यदि ऐसा वाकई में होता है तो यह सातवीं बार होगा जब राज्य में राज्यपाल शासन लागू होगा। यह तीसरी बार है, जब पद पर रहते ही मुख्यमंत्री का इंतकाल हो गया है। इससे पहले गुलाम मोहम्मद साद्दिक(1971) और शेख मोहम्मद अब्दुल्ला(1982) का भी निधन पद पर रहते हुए ही हो गया था।

इससे पहले वर्ष 2015 में जनवरी महीने में भी कुछ समय के लिए राज्यपाल शासन लागू हुआ था। कारण था कार्यकारी मुख्यमंत्री के रूप में उमर अब्दुल्ला का त्यागपत्र। चुनावों के बाद गठजोड़ में समय लग रहा था। उमर ने कार्यकारी सीएम के तौर पर इस्तीफा दे दिया। उस दौरान राज्यपाल शासन लागू हो गया था। जैसे ही पीडीपी-भाजपा का गठबंधन हुआ तो मुफ्ती को सीएम की कुर्सी मिली थी।

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