घरेलू स्तर पर प्याज आपूर्ति सुधरने के बाद निर्यात में ढील दी जाने लगी है। इसके अलावा गुरुवार को सरकार ने कृष्णापुरम प्याज के निर्यात को अनुमति दे दी। फिलहाल घरेलू बाजारों में दाम को नियंत्रण में रखने के लिए सिर्फ 10 हजार टन कृष्णापुरम प्याज के निर्यात को अनुमति दी गई है। वही कृष्णापुरम प्याज आंध्र प्रदेश में पैदा होने वाले प्याज की एक किस्म है। साथ ही डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने कहा कि मार्च अंत तक सिर्फ 10 हजार टन प्याज का निर्यात किया जा सकता है, और चेन्नई पोर्ट से ही इसके निर्यात की अनुमति होगी। आकार और तीक्ष्ण स्वाद के चलते कृष्णापुरम प्याज का रसोई में उपयोग नहीं किया जाता है। इसके साथ ही यह प्याज थाइलैंड, हांगकांग, मलेशिया, श्रीलंका और सिंगापुर जैसे देश खरीद रहे हैं। वही घरेलू बाजारों में बिक्री नहीं होने के चलते इसके किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। डीजीएफटी द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्याज के निर्यातकों को आंध्र प्रदेश के बागवानी विभाग से आज्ञापत्र प्राप्त करना होगा। इसके अलावा इसमें निर्यात किए जाने वाले प्याज की मात्रा का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। इसके अलावा डीजीएफटी के स्थानीय कार्यालय को भी इससे अवगत कराना होगा। इस दौरान डीजीएफटी ने स्पष्ट किया कि कृष्णापुरम प्याज के अलावा किसी अन्य किस्म के प्याज को निर्यात नहीं किया जा सकेगा। बताया जा रहा है कि घरेलू बाजार में प्याज की आपूर्ति घटने से इसका भाव आसमान छूने लगा था। इसके चलते पिछले वर्ष सितंबर में सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके साथ ही प्याज के भंडारण को भी अंकुश के दायरे में लाया गया था। वही इस समय घरेलू बाजार में प्याज के भाव में कुछ नरमी दर्ज की गई है। फिलहाल दिल्ली के स्थानीय बाजारों में यह अभी भी 60 रुपये किलो तक बिक रहा है। SBI ने कस्टमर्स को दिया डबल डोज़, सस्ता हुआ लोन लेकिन FD पर घटाई ब्याज दर RTI से हुआ खुलासा, VVIP लोगों की फ्लाइट पर एयर इंडिया का 822 करोड़ शेष 5,500 करोड़ में Emami ग्रुप Nuvoco को बेचेगा सीमेंट कारोबार