उत्तरप्रदेश: योगी सरकार ने सरकारी अस्पतालो के डॉक्टरों पर कार्यवाही के लिए सतर्कता दिखाई है, अब उत्तरप्रदेश में सरकारी डॉक्टर अगर निजी प्रेक्टिस करते पाए गए तो उनपर सख्त कार्यवाही होगी , जिसके तहत प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों के साथ उस नर्सिंग होम का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा, जो भी सरकारी डॉक्टर अपना निजी क्लिनिक चलाते पाए जाते है, तो उनकी बर्खास्तगी के साथ ही एमसीआई डॉक्टरी की डिग्री भी निरस्त की जाएगी. ज्ञात हो आपको सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर अपना निजी क्लिनिक भी चलाते है, कुल डॉक्टरों में से लगभग 40% डॉक्टर आंशिक या पूरी तरह से प्राइवेट प्रैक्टिस में रहते है, इस सम्बन्ध में सरकार प्रत्येक जिले में एक कमेटी बनाकर इसकी निगरानी करेगी जिसके लिए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी ने आदेश दे दिए है कि, इस आदेश के मुताबिक नियम के खिलाफ काम करने वाले डॉक्टरों पर कार्यवाही होगी, साथ ही आयकर विभाग से कमाई की जांच भी कराई जा सकती है, और प्राइवेट प्रैक्टिस से हुई कमाई की जांच को भी सरकार ने काले धन के खुलासे के तौर पर टारगेट किया है, जिसकी पूरी जांच होगी और इसके लिए आयकर विभाग के आलावा भी और विभिन्न एजेंसिया नियुक्त की जाएगी, जिनका अभी खुलासा नहीं किया गया है. बता दे कि नियमो के अनुसार सभी वैध नर्सिंग होम-निजी अस्पताल को जिले के सीएमओ के यहां रजिस्ट्रेशन के दौरान स्थायी और जरूरत पर बुलाए जाने वाले डॉक्टरों की पूरी सूचन का ब्यौरा देना होता है, सरकारी डॉक्टर का नाम इनमें नहीं होता है लेकिन डॉक्टर इसका उलंघन करते है, उत्तरप्रदेश में डॉक्टर शहरो से दूर भी अपनी प्रेक्टिस करते है उन सभी पर अब लगाम लगाई जाएगी. वायट फैमिली के इन दो भाइयों ने बनाई अपनी टैग टीम स्तन से जुड़े तथ्‍य ! होश उड़ा देगी अंतिम सच्चाई Ind vs Aus T20: भारत की जीत के साथ बनेगा 70 साल में पहली बार यह रिकॉर्ड