नई दिल्ली: सरकारी बैंक मार्च महीने में एक बार फिर हड़ताल की तैयारी में हैं। बैंकिंग क्षेत्र की दो मुख्य यूनियनें अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) 27 मार्च को बैंकों के महाविलय के विरोध में हड़ताल करने का ऐलान किया है। हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जिसका बैंककर्मी विरोध कर रहे हैं। इससे पहले बैंक यूनियनों ने 11 मार्च से होने वाली तीन दिवसीय हड़ताल को वापस ले लिया था और अब इस हड़ताल की तारीख 27 मार्च निर्धारित की है। AIBEA के महासचिव सी। एच। वेंकटचलम ने कहा है कि डूबने वाले ऋण (बैड लोन) की बड़ी तादाद की वजह से बैंकों को खुद समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 31 मार्च 2019 को ख़त्म हुए वर्ष में 1,50,000 करोड़ रुपये का कुल नेट प्रॉफिट कमाया, किन्तु बैड लोन आदि के लिए कुल प्रावधान 216,000 रुपये का था। ऐसे में आखिर में बैंकों को 66,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने आगे बताया है कि यूनियनों ने इस मर्जर के खिलाफ 27 मार्च की हड़ताल के साथ ही इस महीने में अलग अलग स्थानों विरोध प्रदर्शनों की योजना बनाई है। मामले से संबंधित एक अन्य अधिकारी ने बताया कि SBI के विलय और गत वर्ष बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय के बाद सरकार ने 10 बैंकों के विलय का ऐलान किया है। चंदा कोचर को बड़ा झटका, हाई कोर्ट ने याचिका सुनने से किया इंकार मंदी की मार झेल रहे जयपुर के ज्वैलर्स को मिल सकती है राहत, आयात शुल्क हटने की संभावना बढ़त के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स निफ्टी में आयी तेजी