भारत की सड़कों पर वाहनों की भीड़ को कम करने के लिए अब भारत सरकार निजी वाहनों को साझा टैक्सियों के रूप में चलाने का विचार कर रही है. पिछले दिनों पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीती आयोग ने निजी वाहनों का उपयोग टैक्सियों के रूप में करने की बात कही है जिससे ना सिर्फ वाहनों की भीड़ को कम किया जा सकेगा बल्कि पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है. बताया जा रहा है कि इसमें उबर को भी भागीदार बनाया है. वर्तमान में टैक्सी ड्राइवर को वाणिज्यिक वाहन लाइसेंस प्राप्त करने के लिए भारी शुल्क देना पड़ता है. राइड शेयरिंग सेवाओं के लिए एक उचित नियामक ढाँचे के लिए एक सटीक अध्ययन के लिए सरकार ने आदेश दिया है. जिसमे खुद पीएम मोदी का मत बताया जा रहा है. टैक्सी ऑपरेटरों द्वारा लगाए गए लागतों के अलावा यात्रियों की सुरक्षा एक प्राथमिक चिंता बन जाती है और सरकार निजी कक्सरों को साझा टैक्सियों के रूप में चलाने की अनुमति देकर इस मुद्दे को हल करना चाहती है. जैसा कि हम सभी जानते है कारपूलिंग देश में बहुत लोकप्रिय हो रहा है. वर्तमान में इसके आधा भाग UberPool और ओलाशेयर के खाते में है. अगर इस मामले में सब कुछ ठीक रहा तो साँझा टैक्सियों का यह फार्मूला देश में हिट हो सकता है. GST का सीधा फायदा अब Uber राइडर्स को भी मिल रहा है अब आप टैक्सी की तरह भी ले सकते है 'सुपरकार लेम्बोर्गिनी हरकान' का आनंद अब बाइक का भी मिलेगा कमर्शियल लाइसेंस, टेक्सी की तरह चला सकेंगे