पालमपुर: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 64000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. वहीं कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन ने चिकन और मीट पर भले ही पाबंदी लगा दी है. लेकिन भारत सरकार ने इसकी बिक्री को आवश्यक चीजों की सूची में डालने की राज्य सरकारों से सिफारिश की है. कई लोगों का यह भी तर्क है कि कोरोना वायरस से लड़ने में चिकन व मीट आदमी की रोग प्रतिरोधक शक्ति (इम्युनिटी) बढ़ाता है. कोरोना वायरस को लेकर फिलहाल प्रशासन ने चिकन और मटन पर पाबंदी लगाई है. मिली जानकारी के अनुसार चिकन और मीट पर पाबंदी लगाने से इस समय कई भेड़पालक और मुर्गी पालकों की आर्थिकी पर भी संकट आ गया है. चिकन और मीट पर प्रतिबंध का कारण यह है कि देश में लॉकडाउन के चलते राज्य सरकारों ने चिकन और मीट को जरूरी चीजों की सूची में डाला ही नहीं था. लिहाजा, इस सूची से चिकन और मटन की सप्लाई बंद कर दी गई. चिकित्सकों का मानना है कि मीट और चिकन को अच्छी तरह पकाकर खाएं. अब भारत सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने राज्यों सरकारों से सिफारिश की है कि वह चिकन और मीट बेचने से प्रतिबंध को हटा सकते हैं. पशु पालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ. वीरेंद्र पटियाल ने कहा कि उनके विभाग को भी भारत सरकार का एक पत्र मिला है. इसमें चिकन और मीट को जरूरी चीजों की सूची में शामिल करने को कहा गया है. इंदौर : नगर निगम करेंगा किराना सामग्री की होम डिलीवरी परिवार से दूर रह रहे है पुलिसवाले, कैलाश विजयवर्गीय ने लिया आवश्यकताओं का जायजा मध्य प्रदेश में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, अलग-अलग शहरों में हुई कुल 11 की मौत