ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए गए, यानी लोकसभा चुनाव से ठीक दो दिन पहले। सिक्किम में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद ने पहले ही शपथ ले ली है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में सरकार का गठन अभी भी लंबित है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार के शपथ लेने और मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो चुका है। मंगलवार को भाजपा संसदीय बोर्ड ने सांसद रविशंकर प्रसाद और नेता तरुण चुघ को अरुणाचल प्रदेश के लिए पार्टी पर्यवेक्षक नियुक्त किया। हालांकि, उनके ईटानगर दौरे की तारीख अभी तय नहीं हुई है। अरुणाचल प्रदेश में वर्तमान में सत्ता पर काबिज भाजपा ने 60 विधानसभा सीटों में से 46 सीटें जीतकर निर्णायक जीत हासिल की है। भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने 5 सीटें जीतीं, जिससे एनडीए को विधानसभा में कुल 51 सीटें मिल गईं। 2016 से मुख्यमंत्री रहे पेमा खांडू अपनी कुर्सी बचाने के लिए सबसे आगे चल रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बियुराम वाघ ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत अन्य विधायक और भाजपा नेता केंद्र सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि वे इन नेताओं के लौटने और आलाकमान से पर्यवेक्षकों के आने का इंतजार कर रहे हैं। उनके आने के बाद विधायक दल के नेता का चुनाव और शपथ ग्रहण की तैयारी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अभी तक कोई निश्चित तिथि तय नहीं की गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नबाम तुकी ने नई सरकार के गठन में देरी की आलोचना करते हुए कहा कि यह राज्य के विकास और प्रशासन के लिए हानिकारक है। उन्होंने देरी के लिए भाजपा की आंतरिक प्रक्रियाओं को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि राज्य इकाई केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश के बिना काम नहीं कर सकती। इससे पहले, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल कैवल्य परनाइक ने 2 जून को विधानसभा भंग कर दी थी और मुख्यमंत्री पेमा खांडू से अनुरोध किया था कि वे नई सरकार के गठन तक अपने पद पर बने रहें। भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ी, शामिल हुआ ये घातक हथियार, कांपेंगे दुश्मन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू से सांझी छत तक हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करेगा रायबरेली के वोटर्स को धन्यवाद देने पहुंचे राहुल और प्रियंका गांधी, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत