पटना: बिहार सरकार ने सभी शहरों के मजिस्ट्रेट को उनके जिलों के पंजीकृत तथा अपंजीकृत मंदिर तथा धर्मशालाओं की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं। 38 जिलों के मजिस्ट्रेट को दो माह में मंदिर तथा धर्मशालाओं के बारे में बिहार प्रदेश धार्मिक न्यास परिषद (BSRTC) को जानकारी देनी है। बिहार प्रदेश धार्मिक न्यास परिषद के चेयरमैन अखिलेश कुमार जैन ने कहा कि 9 संभाग से विवरण प्राप्त होने के पश्चात् धार्मिक न्यास परिषद अपंजीकृत मंदिरों तथा धर्मशालाओं को बिहार प्रदेश धार्मिक न्यास परिषद में रजिस्टर्ड कराने के लिए कहेगी। मगध, सारण तथा कोशी के डिविजनल कमिश्नरों ने धर्म न्यास परिषद को दो माह में उनके जिलों के पंजीकृत तथा अपंजीकृत मंदिरों और धर्मशाला की सूची भेजने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही जैन ने कहा कि धार्मिक न्यास परिषद ने अन्य संभागों के कमिश्नरों से यही मांग की है। इसके लिए दरभंगा तथा पटना के डीसी के साथ 11 फरवरी तथा 12 फरवरी को बैठक रखी गई है। बिहार हिंदू धर्म ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत प्रदेश के सभी सार्वजनिक तथा धर्मशालाओं को BSRTC में पंजीकृत कराना जरुरी है। इसके तहत रजिस्ट्रेशन हो जाने के पश्चात् मंदिरों तथा धर्मशाला को सालाना अपनी कुल आय का 4% धर्म न्यास परिषद को देना होगा। वही प्रदेश में तकरीबन 4 हजार 500 मंदिर पंजीकृत हैं, जिनमें से केवल 250 से 300 मंदिर BSRTC को कर चुकाते हैं। प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा पंजीकृत एवं अपंजीकृत सार्वजनिक मंदिर हैं। अखिलेश जैन ने कहा कि किसी के घर में बना मंदिर यदि व्यक्तियों के लिए खुला है तो उन्हें ट्रस्ट से पंजीकृत कराना चाहिए। मंदिर तभी प्राइवेट की कैटेगरी में आ सकता है, जब केवल परिवार वाले वहां पूजा करते हों। एयरएशिया इंडिया कोच्चि, दुबई के बीच अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय सेवा का संचालन शुरू महाराष्ट्र में हुई 'हिजाब दिवस' मनाने की कोशिश, कई इलाकों में लागू हुई धारा-144 रक्षा और सुरक्षा,भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी की बुनियादी आधारशिला हैं: जयशंकर