नई दिल्लीः केंद्र सरकार 5 जी स्पेक्ट्रम के लिए तैयार हो गयी है। भारत सरकार की दूरसंचार विभाग ने सभी उपलब्ध स्पेक्ट्रम बैंड में 5जी टेस्ट के आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग इस परीक्षण के लिए 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का आवंटन कर सकता है। दूरसंचार विभाग ने ' लाइसेंस के लिए 5,000 रुपये का एक समान राशि तय किया है। यद्दपि, इसकी वैधता परीक्षण के उद्देश्य के हिसाब से तीन महीने से दो साल की होगी। इस बारे में 23 जुलाई को जारी आदेश में बताया गया है कि 5जी परीक्षण के लिए स्पेक्ट्रम की मात्रा आवश्यकतानुसार अथवा तकनीकी क्षमता दिखाने के लिए उचित स्तर की होगी। सरकार की मंशा 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी इस साल के आखिरी तक आयोजित करने का है। प्लान के मुताबिक, 5जी सेवाओं को वाणिज्यिक रूप से 2020 में शुरू किया जाएगा। रिसर्च और विकास, विनिर्माण, दूरसंचार परिचालक और शिक्षा क्षेत्र की इकाइयां रिसर्च एवं विकास और उपयोग के लिए यह लाइसेंस दो साल की समयसीमा के लिए हासिल कर सकती हैं। विभाग ने परीक्षण लाइसेंस जारी करने को खुद के लिए चार से आठ सप्ताह की अवधि तय की है। यह अवधि खत्म होने के बाद आवेदक उस स्थिति में नोटिस भेज सकता है जबकि दूरसंचार विभाग की ओर से उसे कोई उत्तर नहीं मिला हो। अगर आवेदक को आवेदन देने के दो सप्ताह तक कोई जवाब नहीं मिलता है तो इसे मंजूरी माना जाएगा। दिशानिर्देशों के मुताबिक भारतीय इकाइयां उत्पाद के प्रदर्शन के लिए भी लाइसेंस का आवेदन कर सकती हैं। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि परीक्षण लाइसेंस के जरिये किसी तरह की वाणिज्यिक सेवा की पेशकश नहीं की जा सकती। यूपी में पेप्सिको करेगी 3 साल में 514 करोड़ रुपये का निवेश ICICI ने जारी किए आंकड़े, पहली तिमाही में कमाए इतने करोड़ इतने हवाई अड्डों का निजीकरण करेगी सरकार