सरकार ने Twitter को दी थी परिणाम भुगतने की चेतावनी..', केंद्रीय मंत्री ने संसद में दी जानकारी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 2020 और 2021 के बीच किसानों के आंदोलन की अवधि के दौरान ब्लॉक करने के लिए कहे गए 3,750 URL में से 167 को हटाने में विफल रहने के बाद शुक्रवार को ट्विटर को 'परिणाम भुगतने' की चेतावनी के साथ नोटिस देना स्वीकार किया है। हालांकि, उसने विरोध के दौरान अधिकृत छापे मारने या ट्विटर के कार्यालय को बंद करने की धमकी देने से इनकार किया। सरकार ने कहा कि उन URL को ब्लॉक करने का निर्देश सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के बाद दिया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में संसद को बताया कि, "सरकार ने 27 जून, 2022 को ट्विटर को नोटिस जारी किया था, जिससे उन्हें पूरी तरह से अनुपालन करने का अवसर मिला, ऐसा न करने पर उन्हें IT अधिनियम, 2000 में उल्लिखित महत्वपूर्ण परिणाम भुगतने होंगे। इस नोटिस के बाद, ट्विटर ने IT अधिनियम, 2000 की धारा 69 ए के तहत जारी किए गए सभी अवरोधक निर्देशों का अनुपालन किया था।" इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने इस बात से भी इंकार किया कि, सरकार ने किसी भी सोशल मीडिया यूज़र का डेटा माँगा था।

बता दें कि ट्विटर के पूर्व CEO और सह-संस्थापक जैक डोर्सी ने भारत सरकार पर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से पोस्ट और खातों को हटाने का निर्देश देने का आरोप लगाते हुए एक बखेड़ा खड़ा कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि,  सरकार ने धमकी दी थी कि "हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे', 'आपके कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी करेंगे।" हालाँकि, अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि, उन्होंने ट्विटर को कुछ URL हटाने के निर्देश जरूर दिए थे, लेकिन कोई धमकी नहीं दी थी। 

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