नई दिल्ली: चारों तरफ कोरोना वायरस की दहशत फैली है। डॉक्टर दवा और उपचार नहीं होने की दुहाई दे रहे हैं। विदेश में हो रही मौत लोगों को डरा रही है। किन्तु, राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) इससे इत्तेफाक नहीं रखता। जिंस ने केवल 10 दिन में कोरोना के मरीजों को पूरी तरह से ठीक कर दिया है। न कोई खास दवा दी और न ही वेंटिलेटर या अन्य किसी मेडिकल इमरजेंसी की आवश्यकता पड़ी। गर्म पानी, स्पेशल डाइट और मोटिवेशन ने यह कमाल किया है। एक मरीज को बुधवार को रिहा कर दिया गया, जबकि 2 मरीजों को गुरुवार को छुट्टी दी गई। उपचार करने वाली 20 डॉक्टरों की टीम है। इस टीम ने प्रत्येक मरीज पर 24 घंटे नजर रखी। शरीर का तापमान नापने से लेकर उनकी प्रत्येक गतिविधियों को रेकॉर्ड किया गया। जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि कोरोना संक्रमित प्रत्येक मरीज को हमारी टीम अपने परिवार का हिस्सा समझती है। उपचार स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर होता है। मरीजों को केवल हेल्दी डाइट ही नहीं दी जाती, बल्कि मोटिवेट भी किया जाता है। धैर्य रखना इसमें सबसे अहम है। जिम्स के निदेशक ने बताया कि मरीजों के खानपान के समय का कड़ाई से पालन किया गया। डॉक्टरों की देखरेख में केवल गर्म पानी पीने के लिए दिया गया। इससे रक्तचाप सामान्य रहा और गले के दर्द, जुकाम व बुखार से राहत मिली। नाश्ते में दाल का पानी और सूप भी दिया गया। चावल, ठंडा पानी, दही और अन्य ठंडी चीज़ें मरीजों को नहीं दी गई थी। फलों में पपीता, सेब दिया गया। हरी सब्जियां, दाल, लौकी, तुरई दोपहर और रात के भोजन में रखा गया। इसके साथ ही मरीजों को भरपूर नींद लेने को कहा गया। इस दौरान उन्हें योग और हल्का व्यायाम भी बताया गया। मरीजों को समय-समय पर मोटीवेट करने वाले वीडियो भी दिखाए गए। संबंधित बीमारी जो बढ़ती, उसकी सामान्य इस्तेमाल वाली दवाइयां भी दी गईं। कोरोना संकट के बीच ही 10 बैंकों का विलय करेगी सरकार, बनेंगे चार बड़े बैंक कोरोना से लड़ने के लिए अजीम प्रेमजी ने दान किए 50 हज़ार करोड़ ? Wipro ने किया खुलासा इस कारण इलाहाबाद बैंक और इंडियन बैंक के विलय में हो रही देरी