पटना: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कृषि गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। देश के विभिन्न हिस्सों में खेती पर निर्भर लोगों की एक विशाल संख्या है। आज के वक़्त में कई युवा अच्छी नौकरियां छोड़कर खेती में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। यह एक सकारात्मक परिवर्तन है, क्योंकि खेती न केवल आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि यह ग्रामीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस दिशा में, सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं तथा सब्सिडी प्रदान कर रही है। इनमें से एक महत्वपूर्ण पहल है बिहार सरकार द्वारा मशरूम की खेती पर 50 प्रतिशत सब्सिडी। किसानों को मिलने वाली सब्सिडी यदि कोई किसान मशरूम की खेती के लिए सब्सिडी के लिए आवेदन करता है, तो उसे सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी किसान को मशरूम की खेती के लिए 20 लाख रुपये का खर्च आता है, तो सरकार 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान करेगी, जिसका अर्थ है कि किसानों को केवल 10 लाख रुपये खर्च करने होंगे। सरकार का उद्देश्य किसानों को खेती के प्रति प्रोत्साहित करना तथा आर्थिक रूप से सहायता करना है। मशरूम की खेती कैसे करें मशरूम की खेती के लिए सबसे पहले गेहूं या चावल के भूसे से खाद तैयार करें। इस खाद को बनाने में लगभग एक महीने का समय लगता है। खाद तैयार होने के पश्चात्, आपको अपने कमरे में किसी मजबूत सतह पर 6-8 इंच मोटी परत बिछाकर मशरूम के बीज लगाना है तथा इसे तैयार किए गए कंपोस्ट से ढक देना है। मशरूम की खेती खुले में नहीं होती, इसके लिए आपको शेड वाली जगह की आवश्यकता होगी। आवेदन कैसे करें राज्य सरकार की वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाएं। होम पेज पर जाकर योजना का विकल्प चुनें। यहां मशरूम की खेती योजना पर क्लिक करें। इसके बाद मशरूम पर सब्सिडी के लिए आवेदन करें। क्लिक करने के बाद आपके सामने रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा। सभी मांगी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक भरें। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसान सरकारी वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के कृषि या बागवानी विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं। मुसलमान को दफनाने के लिए दी जगह, किसान की 18 एकड़ जमीन वक्फ ने हड़पी नैनीताल में बन गई जामा मस्जिद..! लेकिन जमीन-निर्माण के कोई दस्तावेज़ प्रशासन के पास नहीं अमित शाह ने 'हिंदी' पर फिर दिया बयान, बोले- इसका प्रचार, मतलब हमारा अपना विकास