नई दिल्ली : कांग्रेस द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र की बर्बादी का आरोप सरकार पर लगाया गया है। इस मामले में सरकार द्वारा कहा गया है कि विभिन्न मसलों पर विपक्ष को राय में नहीं लिया गया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद द्वारा शीतकालीन सत्र के बाद संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही गई कि सरकार के असहिष्णु, अहंकारी स्वभाव और विपक्ष के साथ टकराव की सोच के चलते राजनीतिक चर्चा में कड़वाहट आई है। जिसके चलते बड़े पैमाने पर राजनीति माहौल खराब हो रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा यह भी कहा गया कि सरकार का यह कहना गलत है कि सत्र हमारे कारण बर्बाद हुआ, सदन चलाने की जवाबदारी सरकार को लेना होगी। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सत्ताधारी गठबंधन द्वारा लोकसभा में विपक्ष को समाप्त करने का प्रयास किया गया है। मगर राज्यसभा में अल्पमत में होने के कारण सरकार के विरूद्ध विपक्ष अपनी मांगों पर अड़ा रहा है। सरकार ने सत्र की समाप्ति का दोष कांग्रेस पर आरोपित कर दिया। इस मामले में सांसद कीर्ति आज़ाद ने कहा है कि विपक्ष को कम आंकने और बिना कारण उसे अपमानित करने के चलते सरकार के एजेंडे से सरकार और विपक्ष के मध्य अर्थपूर्ण आदान - प्रदान की संभावना को खत्म कर दिया गया है। इस तरह की प्रक्रिया में संसद स्मूथ तरीके से नहीं चल पाई है। उनका कहना था कि सरकार को विमर्श करने कर ही विभिन्न मसलों पर आगे बढ़ना चाहिए।