देश में चलने वाले ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल और ऑनलाइन कंटेंट प्रोग्राम अब सूचना एवं प्रसारण विभाग द्वारा चलाए जाएंगे। जिसकी अधिसूचना केंद्र सरकार की ओर से आज लॉन्च की जाने वाली है। केनफरीय गवर्नमेंट ने बुधवार को ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलों, ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडरों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने से जुड़ा आदेश जारी कर दिया है। जिसके अंतर्गत सूचना और प्रसारण विभाग के तहत ऑनलाइन फिल्मों के साथ ऑडियो-विज़ुअल कार्यक्रम, ऑनलाइन समाचार और करंट अफेयर्स के कंटेंट में आ सकते है। जंहा इस बात का पता चला है कि केंद्र सरकार ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में वकालत की थी कि ऑनलाइन माध्यमों का नियमन टीवी से अधिक आवश्यक है। अब गवर्नमेंट ने ऑनलाइन माध्यमों से न्यूज़ या कंटेट देने वाले माध्यमों को विभागों के तहत लाने का कदम उठा चुके है। सरकार ने SC में क्या कहा था?: सुप्रीम कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को रेगुलेट करने की आवश्यकता पर और भी ध्यान दिया जाना है। इस पर केंद्र सरकार ने अदालत में कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए मानक तय करने हैं तो पहले डिजिटल मीडिया के लिए नियम कानून बनाया जाना जरुरी है। जिसके पीछे सरकार ने तर्क देते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के लिए पहले से गाइडलाइन शामिल हैं, वहीं डिजिटल मीडिया की पहुंच बहुत अधिक होती है, उसका असर भी सबसे अधिक है। डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भी प्रिंट और टीवी के संवाददाताओं जैसा लाभ: जिससे पहले गवर्नमेंट ने देश में काम करने वाले डिजिटिल मीडिया के पत्रकारों के लिए एक सुविधा दी थी। केंद्र सरकार ने कहा था कि वह डिजिटल मीडिया निकायों के पत्रकारों, फोटोग्राफरों और वीडियोग्राफरों को PIB मान्यता जैसे लाभ देने पर विचार करेगी। यही नहीं सरकार ने यह भी कहा था कि वह इन पत्रकारों, फोटोग्राफरों, वीडियोग्राफरों को आधिकारिक संवाददाता सम्मेलन में भागीदार की पहुंच देने पर भी गौर करेगी। जंहा इस बात का पता चला है कि गवर्नमेंट ने डिजिटल मीडिया निकायों से अपने हितों को आगे बढ़ाने और गवर्नमेंट के साथ संवाद के लिए स्वय नियमन संस्थाओं का गठन करने को कहा है। केजरीवाल ने बेहतर मेडिकल पहुंच के लिए अस्पतालों में की ई-स्वास्थ्य कार्ड की घोषणा केरल HC ने 3 महिलाओं को दी अग्रिम जमानत जनता दल ने हिलसा सीट को सिर्फ 12 वोटों से जीता