पानीपत. यशपाल मालिक के जाट आरक्षण और सरकार के बीच आज बातचीत होना थी, यशपाल मालिक के गुट द्वारा बीते 23 दिन से जारी धरने प्रदर्शन के बीच 7 मांगो को लेकर बातचीत होना थी, जिसमे की सहमति बन नहीं पाई है. सरकारी कमेटी ने जाटों की मांगों के लेकर एक सप्ताह का समय मांगा है। नौकरी व मुआवजे को लेकर 4 सदस्यों की एक कमेटी भी गठित की गई है. यह बैठक दोपहर 3 बजे के बाद शुरू हुई थी जिसमे यशपाल मलिक के साथ हर जिले के धरनों से 5 प्रतिनिधि बैठक में आये थे जबकि सरकार की तरफ कमेटी में 5 सदस्य मौजूद थे. बैठक में मुआवजे की राशि, नौकरियों व अन्य मांगों के लेकर कई घंटे तक बातचीत हुई किन्तु कोई आम राय नहीं बन सकी, इस कारण जाटो की मांग को देखते हुए कमेटी ने एक सप्ताह का समय मांगा है. बता दे की इससे पहले भी सरकार और जाट प्रतिनिधियों के बीच पानीपत रिफाइनरी में बैठक हुई थी किन्तु वह भी विफल रही थी। बता दे की एक मार्च से भिवानी, जींद, कैथल, पानीपत, हिसार, करनाल, दादरी, कुरुक्षेत्र, मेवात पंचकूला में जाट समुदाय द्वारा धरने बढ़ा दिए जाएंगे, रोहतक, झज्जर सोनीपत में एक-एक धरना ही रहेगा. 26 फरवरी को काला दिवस मनाया जाएगा. इन धरनों पर महिलाएं काला दुपट्टा पुरुष काली पट्टी या काली पगड़ी पहनकर आएंगे. एक मार्च से सरकार के साथ असहयोग की शुरुआत होगी. बिजली, पानी के बिल सरकारी कर्ज का भुगतान नहीं किया जाएगा. एक दिन के लिए दूध-सब्जी की सप्लाई बंद रहेगी. दिल्ली के जाट 2 मार्च को राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे. इस में उत्तरप्रदेश के जाट भी शामिल होंगे. ये भी पढ़े जाट आंदोलनकारी और सरकार के बीच होगी बातचीत जाटों ने मनाया बलिदान दिवस, इंटरनेट सेवाएं बंद हरियाणा की 14 साल की लड़की हुई सोशल मीडिया पर वायरल